राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को कुख्यात गैंगस्टर अपराधियों, लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के साथ-साथ 12 अन्य लोगों के खिलाफ अभियुक्त बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और कई अन्य खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। एनआईए तीनों आतंकी-गैंगस्टर सांठगांठ के मामलों की जांच कर रही है। साल 2015 में हिरासत में लिया गया लॉरेंस बिश्नोई कनाडा में स्थित गोल्डी बराड़ के साथ विभिन्न राज्यों की जेलों से अपने आतंक और अपराध का सिंडिकेट चला रहा है। यह गैंग नवंबर में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप कुमार की हत्या का आरोपी भी है।
एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि 2022 में लॉरेंस बिश्नोई आतंक-अपराध-जबरन वसूली सिंडिकेट भी मोहाली में पंजाब स्टेट इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले के मामले के लिए हत्यारों को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार था, जिसे हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, पाकिस्तान स्थित बीकेआई आतंकवादी के निर्देश पर अंजाम दिया गया था। एनआईए की अब तक की जांच में पता चला है कि गोल्डी बराड़ को लखबीर सिंह उर्फ लांडा के साथ सीधा संबंध पाया गया, जो कि रिंदा के साथ मिलकर काम कर रहे एक अन्य बीकेआई ऑपरेटिव है। लखबीर सिंह उर्फ लांडा मोहाली आरपीजी हमले के साथ-साथ दिसंबर 2022 में पंजाब के तरनतारन में सिरहाली पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमले का भी आरोपी है। लांडा और तीन अन्य के खिलाफ जांच जारी है।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि सभी 14 आरोपियों पर आतंक की लहर फैलाने और प्रसिद्ध सामाजिक और धार्मिक नेताओं, फिल्म सितारों, गायकों और व्यापारियों की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान में साजिशकर्ताओं के साथ संबंध होने के अलावा आरोपी कनाडा, नेपाल और अन्य देशों में स्थित खालिस्तानी समर्थक तत्वों के संपर्क में भी थे।
एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, चंडीगढ़ और दिल्ली में 74 स्थानों पर छापेमारी कर 9 अवैध और परिष्कृत हथियार, 14 मैगजीन, 298 राउंड गोला बारूद और 183 डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। जांच एजेंसी ने छह महीने की अवधि में बड़े पैमाने पर तलाशी ली थी और अपनी जांच के दौरान विभिन्न संगठित अपराध सहायता नेटवर्क के लगभग 70 सदस्यों की जांच की थी।
एनआईए द्वारा मामले में अब तक सात एलओसी और 5 एनबीडब्ल्यू जारी किए गए हैं, जिसने धारा 25 यूए (पी) अधिनियम के तहत 7 अचल संपत्तियों को कुर्क/जब्त किया है और 62 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। आगे की जांच ने एनआईए को हरियाणा और पंजाब में स्थापित उन ठिकानों तक पहुंचाया, जिनका इस्तेमाल गैंगस्टरों को शरण देने और हथियारों को स्टोर करने के लिए किया जा रहा था।
शुक्रवार को चार्जशीट किए गए 14 आरोपियों की पहचान लॉरेंस बिश्नोई, जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया, सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़, सचिन थापन उर्फ सचिन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई उर्फ भानू, विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़, संदीप झंझरिया उर्फ काला जठेरी, वीरेंद्र प्रताप सिंह के रूप में हुई है। काला राणा, जोगिंदर सिंह, राजेश कुमार उर्फ राजू मोटा, राज कुमार (राजू) राजू बसोदी, अनिल (चिप्पी), नरेश यादव, सेठ और शाहबाज अंसारी (शाहबाज)।
इससे पहले 21 मार्च को एनआईए ने जांच के तहत आतंकी-गैंगस्टर सांठगांठ के मामलों में 12 आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। उस मामले के आरोपियों की पहचान अर्श डाला, गौरव पटयाल, सुखप्रीत बुद्धा, कौशल चौधरी, अमित डागर, नवीन बाली, छोटू भट, आसिफ खान, जग्गा तख्तमल, टिल्लू ताजपुरिया, भूपी राणा और संदीप बंदर के रूप में हुई थी। आज की कार्रवाई से एनआईए द्वारा इन मामलों में अब तक आरोपित किए गए आरोपियों की कुल संख्या 26 हो गई है।
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