पिछले साल से लगातार बढ़ रही ब्याज दरों ने छोटे घर खरीदारों का हौसला पस्त कर दिया है। जबकि महंगे घर खरीदने वालों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी- फरवरी, 2023 में सभी शेडयूल्ड कमर्शियल बैंक (एएससीबी) की ओर से 30 लाख रुपये तक के नए दिए गए होम लोन का हिस्सा कुल कर्ज में घटकर 45 फीसदी हो गया है। जून तिमाही में यह हिस्सा 60 फीसदी का था।
50 लाख रुपये से ज्यादा वाले होम लोन का हिस्सा चालू वित्त वर्ष में 15 फीसदी से बढ़कर 25 फीसदी हो गया है। इससे यह पता चलता है कि कम कमाई वाले लोगों पर ब्याज दरों के बढ़ने का ज्यादा असर हुआ है जो सस्ते घर खरीदते हैं।मई, 2022 से फरवरी, 2023 के बीच छह बार में आरबीआई ने रेपो दर में 2.50 फीसदी इजाफा किया है।
अप्रैल, 2022 से जनवरी, 2023 के बीच 1.80 लाख करोड़ रुपये के हाउसिंग लोन बैंकों ने बांटे। 2021-2022 में इसी दौरान 1.40 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए थे।करीब 55 लाख होम लोन के खाते एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट्स (ईबीएलआर) से जुड़े हैं। होम लोन को अक्तूबर, 2019 में रेपो दर से जोड़ दिया गया था।
रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि से खुदरा ग्राहकों की किस्त के ब्याज में सालाना 16% का इजाफा होगा।आरबीआई के फैसले से होम लोन ग्राहकों के ब्याज में 20,000 करोड़ रुपये की बढ़त हो सकती है। केवल 8.2 लाख ही ऐसे होम लोन ग्राहक हैं, जो कर्ज का अग्रिम भुगतान (प्री-पेमेंट) कर सकते हैं।
इस तरह घर खरीदारों पर पड़ा ब्याज का असर
कुल होम लोन ग्राहक 1.15 करोड़।
बकाया रकम 18.9 लाख करोड़ रुपये।
ईबीएलआर का हिस्सा 48 फीसदी।
ईबीएलआर से जुड़े होम लोन ग्राहक 55.2 लाख- बकाया रकम 9.1 लाख करोड़।
47 लाख ग्राहकों ने किस्त, अवधि या फिर दोनों बढ़वाई, रकम 8.2 लाख करोड़ रही।
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