भोपाल। प्रदेश सरकार एक बार फिर खाली पड़े निगम, मंडल, प्राधिकरण एवं बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां करने जा रही हैं। इस बार ऐसे नेताओं को जगह मिलेगी, जिनके समाज का अच्छा खासा वोट बैंक, लेकिन सरकार में उनका प्रतिनिधित्व नहीं है। सरकार जल्द ही ओबीसी, एसटी, एससी एवं सामान्य वर्ग के अलग-अलग समाज के नेताओं को राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे सकती है। इसको लेकर भाजपा संगठन की बैठक भी हो चुकी है। राज्य शासन ने पिछले साल एक साथ निगम-मंडलों में दो दर्जन से ज्यादा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों की नियुक्ति की थी। तब ज्यादातर भाजपा संगठन के पदाधिकारी रहे या फिर पूर्व विधायक रहे नेताओं को जगह मिली थी। चूंकि 9 महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। इसलिए सरकार ने समाजों को साधने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। हाल ही में भाजपा नेता शैतान सिंह पाल को मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाया जाना इसी रणनीति का हिस्सा है।
समाज के नेताओं की सूची तैयार
भाजपा संगठन ने पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी और सामान्य वर्ग के ऐसे समाजों के नेताओं के नाम की सूची तैयार की है, जिनका सरकार में कोईप्रतिनिधि नहीं है। इनमें कुछ ऐसे समाज भी है, जिनका एक भी विधायक या सांसद नहीं है। इन नेताओं को संभवत: इसी महीने बजट सत्र के पहले खाली पड़े निगम, मंडल, प्राधिकरण एवं बोर्ड में नियुक्त किया जा सकता है।
कुछ विधायक बनेंगे मंत्री
शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार एवं फेरबदल होने की संभावना फिर बढ़ गई है। संभवत: विधानसभा सत्र के बाद या फिर सत्र के दौरान होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में वंचित समाज से आने वाले विधायकों को मौका मिल सकता है। विस्तार के जरिए बड़े वोट बाले 3 या 4 समाजों को साधा जा सकता है।
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