प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार की सशक्त वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट विगत एक फरवरी को प्रस्तुत कर दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट कई मायने में ऐतिहासिक बजट है क्योंकि भारत के राजनैतिक व आर्थिक विश्लेषक बजट प्रस्तुत होने के पूर्व इस तरह के अनुमान लगा रहे थे कि यह एक चुनावी बजट होगा और इसमें मोदी सरकार लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर चुनावी शंखनाद कर सकती है लेकिन ऐसा फिलहाल कुछ भी नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट को अमृत काल का प्रथम बजट बता रहे हैं जो देश की नींव को मजबूत करेगा और आगामी 2047 तक भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त, मजबूत विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत को मजबूत पहचान दिलाने के साथ ही सामाजिक सरोकारों यथा रोजगार सृजन से लेकर मध्यम वर्ग को राहत देने वाला बजट तो बनाया ही है साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा भी की गई है।
वित्तमंत्री ने लगभग विपरीत परिस्थितियों में भी एक संतुलित बजट दिया है जिसका असर आने वाले दिनों में अवश्य दिखाई पड़ेगा। मोदी सरकार का यह बजट इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि इस में समाज के किसी भी वर्ग,जाति अथवा धर्म का तुष्टिकरण नहीं किया गया और न ही अल्पसंख्यक जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से अब तक बजट की परिभाषा, शब्दावली व तौर तरीके सभी बदल गये हैं। अब “सूत्र” काम नहीं करते वरन बजट ”राष्ट्र प्रथम“ व ”नागरिक प्रथम“ की भावना से बन रहा है। इस वर्ष के बजट को विहंगम व सूक्ष्म दोनों दृष्टियों से देखा जाना आवश्यक है। देश का मध्यम वर्ग और अमीर करदाता दोनों ही इनकम टैक्स में दी गई राहत से खुश है जबकि महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं और किसानों ने नई योजनओं का स्वागत किया है।
मोदी सरकार का यह बजट सप्तऋषि की अवधारणा पर आधारित है और बजट को सात जागरण सरोकारों में विभाजित किया गया है जिसमें सुशिक्षित समाज, स्वस्थ्य समाज, जनसंख्या नियोजन, गरीबी उन्मूलन, नारी सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण आदि पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट में पर्यावरण के प्रति ध्यान दिया गया है तो साथ ही समावेशी विकास पर बल व वंचितों को वरीयता दी गई है। बजट में चीन व पाकिस्तान जैसे शत्रुओं से निपटने के लिए तथा रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक प्रावधान में पर्याप्त वृद्धि की गई है।रक्षा क्षेत्र में अग्निवीरों की भर्ती को पूरी तरह से करमुक्त कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक युवा अग्निवीर बनकर देश की सेवा कर सकें।मोदी सरकार के बजट में कई ऐसी नई योजनाओं व प्रावधानों का उल्लेख किया गया है जिससे भविष्य में गांव ,गरीब व किसान के जीवन में बदलाव आयेगा।
ऐसी पूरी संभावना है कि यह बजट भारतीय कृषि को एक नये युग में लेकर जाएगा। इस बजट में जय किसान के नारे को समृद्ध बनाने व खेती की प्रक्रिया को आधुनिक बनाने पर पर्याप्त बल दिया गया है। वित्तमंत्री ने बजट प्रस्तावों में खेती को हाईटेक बनाने के लिये डिजिटल इन्फ्रास्टक्चर तैयार करने के प्रस्ताव को शामिल किया है। कृषि क्षेत्र में युवा उद्यमियों को आकर्षित कर इसे लाभकारी बनाने की तैयारी है। किसान केंद्रित मार्केट इंटेलीजेंस, एग्रीटेक और स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है।
आजादी के अमृत काल के इस पहले बजट में कृषि को विशेष प्राथमिकता दी गयी है। फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए नियोजन, फसल बीमा, उपज आंकलन जैसे इनपुट को सुलभ बनाने में आधुनिक तकनीक सहायक साबित होगी।खेती को उद्योग से जोड़ने वाले युवा स्टार्टअप उद्यमियों के लिए विशेष एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड की स्थापना की जाएगी। बजट के प्रस्तावों में किसानों को सहज तरीके से कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 20 लाख करेड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। फसल बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए विशेष प्रबंध किया गया है।
प्राकृतिक खेती के लिए एक करोड़ किसानों को “पीएम प्रणाम“ – प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होने वाले किसानों के लिए ”पीएम प्रणाम योजना” प्रारंभ की जाएगी। आम बजट में केमिकल फर्टिलाइजर के संतुलित प्रयोग के साथ वैकल्पिक फर्टिलाइजर को प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई है। योजना पर कुल 10 हजार करोड़ रूपये की लागत आयेगी। आम बजट में मिट्टी की सेहत के साथ कृषि उपज की पोषण क्षमता में वृद्धि को प्रमुखता दी गई है। केमिकल फर्टिलाइजर के अंधाधुंध प्रयोग से घट रही मिट्टी की उत्पादकता को संरक्षित करने के लिए ही पीएम प्रणाम योजना लाई गई है। इसमें जैविक खाद को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके अंतर्गत 200 बायोगैस संयत्र लगाये जाएंगे। पराली समेत अन्य बायोगैस को एकत्रित करने और जैविक खाद के वितरण के लिए खजाने से मदद भी की जाएगी।
बागवानी के लिए 2,200 करोड़ रूपये
सरकार ने इस बजट में बागवानी को बढ़ावा देने तथा उपज के लिये 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इससे किसानों को बागवानी के लिये उच्च गुणवत्ता वाले पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी ताकि किसान पारंपरिक फसलों के अलावा बागवानी के जरिये अपनी आय में वृद्धि कर सकें। इसी के अंतर्गत आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम का आरम्भ भी किया जाएगा।
कपास के लिए योजना
कपास की उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिये पीपीपी माडल के माध्यम से क्लस्टर बेस्ड और वैल्यू चेन अप्रोच को अपनाया जाएगा। इसमें किसानों, राज्यों और उद्योगों में में आपसी सहयोग स्थापित किया जाएगा। कृषि में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिये आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया जायेगा जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सके।
पीएम मत्स्य संपदा योजना योजना के अंतर्गत मछुआरों की आय बढ़ाने के लिये व आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिये 6,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वहीं मीठी क्रांति (मधुमक्खी पालन) के माध्यम से कृषि क्षेत्र में 4.60 लाख रोजगार सृजित होंगे। शहद उत्पादन 42 लाख मीट्रिक टन पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत जल्द ही बनेगा ‘श्री अन्न’ (मोटा अनाज) का वैश्विक केंद्र – भारत का श्री अन्न (मोटा अनाज) पूरी दुनिया में छा रहा है। मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने में भारत की महती भूमिका है। इसकी खपत से पोषण खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को प्रोत्साहन मिलता है। मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देने के साथ उसके व्यंजनों की गुणवत्ता और महत्ता के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक बनाया जा रहा है। श्री अन्न से तैयार व्यंजनों को हर थाली तक पहुंचाने का लक्ष्य है। श्री अन्न के क्षेत्र में भारत को वैष्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय बाजरा अनुसंधान स्थित भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
बजट में अन्नदाता किसान का जीवन सरल और सुखमय करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। खेती को सुविधाजनक बनाने के साथ ही किसानों की कमाई में वृद्धि के लिए सरकार ने ग्रीन एग्रीकल्चर, मोटा अनाज, एग्री क्रेडिट, डिजिटल तकनीक से खेती, पशुपालन, मछली पालन और सहकार से समृद्धि पर फोकस रखा है। सरकार ने पशुपालकों और मछलीपालन करने वाले किसानों के लिए भी कई कदम उठाए हैं। कर्ज देने की रफ्तार बढ़ाने और बहुउद्देशीय सरकारी समितियों को बढ़ावा देने की घोषणा की है। डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्टक्चर तैयार किये जाने से किसानों को खेती संबंधित योजना बनाने से लेकर ऋण लेने, फसल बीमा कराने और फसलो के उत्पादन की आसानी से जानकारी मिल सकेगी, इतना ही नहीं किसान बाजार में अपनी फसल को अच्छी कीमत पर बेच सकेगा।
बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी “देखो अपना देश” योजना की जानकारी दी गई है जिसे जल्द ही लांच किया जाएगा। बजट प्रस्तुत हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि अमृतकाल का यह पहला बजट विकसित भारत की सशक्त आधारशिला का निर्माण करेगा। यह गरीबों, मध्यम वर्ग और किसानों सहित एक महत्वाकांक्षी समाज के स्वप्नों को पूरा करेगा।
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