सुरेन्द्र जैन धरसीवा
आसमान छूती महंगाई और गैस के भारी भरकम दाम के चलते ग्रामीण मजदूरों की मजबूरी है कि वह फ्री की ईंधन की तलाश में रहते हैं और थोड़ी सी मेहनत कर डोलाचार निकालकर उसका उपयोग ईंधन के रूप में करते हैं मंगलवार को जमीन के अंदर से इसी डोलाचार को निकालते समय ग्रामीणो के ऊपर मिट्टी की परत धँसकर गिर गई जिसमें दबने से तीन ग्रामीणो की दर्दनाक मौत हो गई जबकि दो दो घायल हैं।
दरअसल ओधोगिक इकाइयों के डोलाचार का जब कोई उपयोग नहीं था तब ओधोगिक क्षेत्र सिलतरा की ओधोगिक इकाइयों को अपने उधोगो का डोलाचार राखड़ ठिकाने लगाने में बहुत दिक्कत होती थी और वह किसी तरह प्रभावशालियो की मदद से गांवों के आसपास अपने डोलाचार को ठिकाने लगाते थे करीब एक दशक पहले सांकरा सोण्डरा सिलतरा सहित आसपास के गांवों में मिट्टी मुरम निकाल निकालकर वहां डोलाचार डंप किया गया था लेकिन कुछ साल
पहले से वही डोलाचार कुछ उधोगों ने पावर प्लांटों में ओर ईंट भट्टों में उपयोग शुरू हुआ तो उसकी बिक्री होने लगी और करीब एक दशक पहले तक जहां जहां मिट्टी निकालकर डोलाचार डंप किया था उसे जिन लोगो की मदद से डंप किया गया था उन्होंने उसे निकालकर बेचना शुरू कर दिया और लगभग सभी जगह से निकालकर जगह जगह खदान नुमा जमीन बना दी ऐंसे में जब यही डोलाचार ग्रामीणो को मिलना मुश्किल हुआ तो वह भी जहां पता चलता वहीं से निकलकर ले जाने लगे ताकि फ्री की ईंधन के लिए मिट्टी मिलाकर लड्डू बना सकें जिस जगह घटना हुई वहां भी ग्रामीण डोलाचार निकालते थे मंगलवार को 11 बजे भी डोलाचार निकाल रहे थे तभी डोलाचार के ऊपर की मिट्टी की परत धँसककर उनके उपर गिर गई।
मां बेटा सहित तीन की मौत बेसहारा हुए नाबालिग
इस दर्दनाक हादसे ने एक परिवार के नाबालिग बच्चों से उनका सहारा बड़ा भाई और मां दोनो को छीन लिया पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी अब उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बलौदाबाजार के तुतरुमपुर गांव की रहने वाली मृतका श्रीमति मोहर मनहरे पति स्वर्गीय मंगलदास मनहरे उम्र 50 अपने बड़े बेटे पुनित कुमार मनहरे सहित दो छोटी बच्चियों ओर एक छोटे बच्चे के साथ सांकरा में किराए से रहकर मेहनत मजदूरी कर अपना परिवार चलाते थे आसमान छूती महंगाई गैस के भारी भरकम दाम के कारण वह भी गांव में जहां तहां जमीन में पूर्व में डंप हुए डोलाचार को निकालकर मिट्टी मिलाकर उसके लड्डू बनाकर उन्हें सुखाकर सिगड़ी में ईंधन के रुप में उपयोग कर भोजन बनाते थे
मंगलवार को मां बेटे दोनो मोहल्ले के ही अन्य लोगो के साथ तालाब के आगे एक निजी जमीन में दबे डोलाचार को निकाल रहे थे कि ऊपर की मिट्टी की परत धँसककर उनके ऊपर गिरी जिसमे दबने से मोहर बाई मनहरे ओर उनके बड़े बेटे पुनीत की मौके पर ही मौत हो गई घटना के बाद उनकी छोटी बच्चियां ओर बेटे घर मे इसी इंतजार में थे कि उनकी मां और भाई वापस आएंगे इन मासूमो को यह भी पता नहीं था कि उनकी मृत्यु हो चुकी ओर अब वह कभी वापस नहीं आएंगे घटना से यह मासूम अब पूरी तरह बेसहारा हो चुके
इस घटना में एक अन्य महिला पांचों बाई लहरे पति आंनद लहरे उम्र 32 साल की भी मृत्यु होने से उसके दो मासूम बच्चों के सर से मां का साया छिन गया।
स्कूल नहीं गई तो लेने चली गई डोलाचार
तालाब किनारे एक झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार का न राशन कार्ड है न उन्हें कोई आवास मिला न ही उज्ज्वला योजना का लाभ मिला इस परिवार की 15 साल की बच्ची मंगलवार को स्कूल नहीं गई थी इसलिए ईंधन के लिए डोलाचार निकलने चली गई और घटना में वह गंभीर रूप से घायल है जिंगदी ओर मौत से जूझ रही है।