देवेन्द्र तिवारी सांची,रायसेन
सांची मे अनेकों सरकारी विभाग कार्यरत हैं तथा इनके पास अनेक सरकारी भवन हैं परन्तु यह अधिकांश जर्जर हो चुके हैं कब ढह जाये कहा नही जा सकता।बावजूद इसके इन जर्जर भवनो को कर्मचारी अपनी जान जोखिम मे डालकर अपना आशियाना बनाए हुए हैं तो कुछ अतिक्रमणकारियों के कब्जे मे पहुंच चुके हैं इन सबसे विभाग अनजान बनकर किसी जनहानि की बाट जोह रहे हैं ।
जानकारी के अनुसार इस नगर मे जनपद पंचायत नगर परिषद कृषि विभाग पुलिस विभाग पशु विभाग सहित अनेक विभागो मे सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी सरकारी सेवा दे रहे हैं तथा जनकल्याण कारी योजना के क्रियान्वयन मे जुटे हुए है वर्षों पूर्व इन अधिकारी कर्मचारियों के आवास उपलब्ध कराये गये थे परन्तु यह लंबे अंतराल के बाद जर्जर अवस्था मे पहुंच चुके हैं इतना ही नहीं इन भवनो की जर्जरता को देखते हुए इन्हें अनुपयोगी भी घोषित कर दिया गया परन्तु इन जर्जर भवनो को आज भी कर्मचारी अपनी जान जोखिम मे डालकर अपने कार्य को अंजाम देने जुटे हुए है ऐसे अनेक विभागो ने अपने कर्मचारियों को आवंटित भी किये हुए है इनमें कुछ भवन तो ढहने भी लगे है ।परन्तु सरकारी विभाग बेखबर बने हुए हैं इतना ही नही अनेक सरकारी जर्जर भवनो को अतिक्रमण की भेंट भी चढ चुके हैं तथा कर्मचारियों सहित अतिक्रमणकारीयो के खण्डहर जर्जर भवनो के आशियाना बनने से विभाग बेखबर बन कर किसी अनहोनी की बाट जोह रहे हैं इनमें अनेकों जर्जर भवन जप के अधीन हैं परन्तु अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
यही हाल नगर परिषद का बना हुआ है नगर परिषद के अधीन महेंद्रा काम्प्लेक्स जिसका निर्माण विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा वर्षों पूर्व कराया गया था इस काम्प्लेक्स मे पहले कैंनरा बैंक हुआ करती थी परन्तु खस्ता हाल होने से कैनरा बैंक वर्षों पहले स्थानांतरित होकर दूसरे स्थान पर पहुंच गई तथा इस काम्प्लेक्स की हालात पूरी तरह खस्ता हो चुकी है यह कब ढह जाये कहा नही जा सकता है तथा यहां रहने वालों पर खतरा मंडराता हुआ दिखाई देता है नप प्रशासन बेखबर बना हुआ है
जबकि नगर परिषद कार्यालय स्वयं जर्जर अवस्था मे पहुंच चुका है यहां तक कि अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं अधिकारीयो के कार्यालय की अवस्था किसी से छिपी नहीं है हद तो तब हो गई जब नगरपरिषद को अपने ही कार्यालय को पन्नियों से ढककर चलाने मजबूर होना पड रहा हैं इसमे बडी संख्या मे कर्मचारी बैठकर सरकारी योजनाओं को जनजन तक पहुंचाते हैं तथा इस जर्जर भवन मे बैठकर अपनी जान जोखिम मे डाले हुए है ।यही हाल पोष्ट आफिस के पिछले हिस्से मे सामुदायिक भवन के नाम से भवन अपनी जर्जरता की कहानी स्वयं कह रहा है ।बताया जाता है कि नगरपरिषद कार्यालय भवन की स्वीकृति भी हो चुकी है परन्तु भवन कहाँ निर्मित होगा तथा कब निर्मित होगा कहा नहीं जा सकता है यही हाल पशुचिकित्सालय मे बना हुआ है जहाँ अनेक पुराने भवनो को हटाया नही जा सका तथा किसी घटना का इंतजार किया जा रहा है कृषि विभाग के आसपास भी खण्डहर भवनो की दुर्दशा को आसानी से देखा जा सकता हैं ।
यही हाल पुलिस विभाग का भी बना हुआ है नगर सहित क्षेत्र भर के लोगों की जानमाल की सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों का भी बना हुआ है चौबीसों घंटे सुरक्षा मे जुटे पुलिस कर्मियों को वर्षों पूर्व निर्मित हुए भवन जो अब खण्डर का रूप ले चुके हैं अपनी जान जोखिम मे डालकर अपने कार्यों को रात दिन अंजाम देने जुटे हुए हैं तथा कुछ पुलिस कर्मियों को तो पुराने खंडहर थाना भवन मे अपनी जान जोखिम मे डालकर रहने मजबूर होना पड रहा हैं यहाँ तो बताया जाता हैं पुराने थाना भवन का प्लास्टर भी झडने लगा है बावजूद इसके इन खतरनाक भवनो को अपना आशियाना बनाने पर मजबूर होना पड रहा है ।इस नगर मे विकास खंड स्तर के कार्यालय होने से सैकड़ों की संख्या मे अधिकारीकर्मचारी अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं परन्तु इन कर्मचारियों को अपना ही सिर छिपाने सरकारी आवास उपलब्ध नही हो सके । यही हाल विकास खंड शिक्षा अधिकारी सहित कन्या शाला एवं सीएमराइज स्कूल मे आवास विहीन होकर अपडाउन की समस्या से जूझते हुए भारत के भविष्य को बनाने मे जुटे हुए है ।सरकारी आवास न होने से या तो किराए के मंहगे भवनों मे रहने मजबूर होना पड रहा है अथवा मजबूर होकर अपडाउन करना पडता है ।इन कर्मचारियों के आशियाने की चिंता न तो सरकार न ही प्रशासन को ही हो पा रही है ।
इस मामले मे नगर परिषद सीएमओ अशोक वर्मा का कहना है कि परिषद कार्यालय भवन की स्वीकृति हो चुकी है तथा टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है तथा शीध्र ही नवीन भवन निर्माण कार्य शुरु हो जायेगा ।एवं हम महेंद्रा काम्प्लेक्स के जर्जर भवन को ढहाने की स्वीकृति लेकर वहां कार्यालय भवन निर्माण कराया जायेगा ।