रायसेन। सरकार नशा मुक्ति प्रदेश और नशा मुक्त देश बनाने के लिए अनेक प्रकार के प्रयास कर रही है लेकिन सरकारी प्रयासों को साकार करने के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है आज के बच्चे और युवा कम आयु में नशे के जंजाल में फंस रहे हैं जिसके परिणाम उन्हें बड़ी उम्र में विभिन्न रोगों के रूप में मिलते हैं।
यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव राव गौतम ने जिले के ग्राम बर्रू खार में आयोजित नशामुक्ति शिविर और विधिक सहायता शिविर में कही ,उन्होंने कहा कि नशा अनेक प्रकार के विवादों की जड़ होती है उन्होंने ग्रामीणों को नशा न करने की शपथ दिलाते हुए गांव को विवाद ग्रस्त गांव बनाने की पहल करते हुए गांव के जिम्मेदार व्यक्तियों से चर्चा करते हुए स्थानीय स्तर पर विवादो का निराकरण करने हेतु प्रेरित किया । इस अवसर पर आयोजित विधिक सहायता शिविर में उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनते हुए आपसी समझौते से प्रकरणों के निराकरण पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी अनीस अब्बासी ने भी नशे के दुष्परिणामों की जानकारी दी
कार्यक्रम में नशामुक्त भारत अभियान से जुड़े डी डी ए सी के डायरेक्टर वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि धीमे नशे के परिणाम बहुत घातक होते हैं , तंबाकू बीड़ी सिगरेट भले ही आमतौर सिगरेट का उपयोग लोग सामान्य नशा मानकर करते हैं, लेकिन इन्हे सामान्य नशा समझने वाले इनका उपयोग कम उम्र में शुरू कर देते है निकोटिन के निरंतर प्रयोग से भविष्य में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप ,कैंसर ,शुगर, किडनी, लीवर रोग जैसी अनेक समस्याएं
उत्पन्न हो जाती हैं लिहाजा व्यक्ति को तंबाकू के घातक परिणामों को प्रारंभ से ही जानकर इनके प्रयोग से बचना चाहिए,उन्होंने कहा कि दुनिया भर में एक साल में 1.35 मिलियन, तथा प्रतिदिन 3699 से अधिक मौतें निकोटीन के प्रयोग से होती हैं यानी हर घंटे में 154 लोग तंबाकू के कारण अपनी जान गवा देते हैं।, विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित नशा मुक्ति शिविर में उत्कर्ष नशामुक्ति केंद्र सांची के फील्ड वर्कर यशपाल यादव, काउंसलर , अतुल जाट, कीर्ति शर्मा ने भी नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया। ,कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक न्याय एवम दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सहयोग और मार्गदर्शन में किया गया, कार्यक्रम का संयोजन बररू खार की सामाजिक संस्था राधा कृष्ण जनकल्याण समिति द्वारा किया गया।