उत्तर प्रदेश के काशी में चुनावी माहौल का असर अध्यात्म पर भी देखने को मिल रहा है. काशी में महादेव के दर्शन के लिए अगले 15 दिनों तक मंगला और सप्तऋषि आरती की बुकिंग फुल हो गई है. देश भर से महादेव के दर्शन करने के लिए राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता काशी में पहुंच रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन, पूजन और आरती को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ आम दिनों की तुलना में बढ़ गई है.
बाबा से चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए तमाम राजनेता आशीर्वाद लेने के लिए महादेव की नगरी काशी पहुंचे रहे हैं. भीषण गर्मी भी राजनेताओं को बाबा के धाम में पहुंचने से नहीं रोक पा रही है. गर्मी की तपती दोपहरी और हीट वेव का कहर वाराणसी में भी है, लेकिन बाबा के दर्शन के लिए भक्त उनकी नगरी में पहुंच रहे हैं.
आरती की बुकिंग हुई फुल
बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती से काशीवासियों के दिन की शुरुआत होती है. बाबा की मंगला आरती की भव्यता का आलम ये है कि देश ही नहीं दुनिया भर से सनातनधर्मी इसमें शामिल होने की कामना से काशी आते हैं. 16 से 31 मई तक बाबा की मंगला आरती के 250 टिकट पहले ही फुल हो चुके हैं. इसके बाद जून के महीने में तीन जून के टिकट भी पहले से बुक हैं. यही हाल बाबा की सप्तर्षि आरती का भी है. 31 मई तक सप्तर्षि आरती के भी टिकट फुल हैं.
इसके अलावा भोग आरती के टिकट 26 मई तक और शृंगार भोग आरती के टिकट 29 मई तक बुक हो चुके हैं. ऐसे में काशी आने वाले श्रद्धालुओं को अब जून में मंगला और सप्तर्षि आरती में शामिल होने का मौका मिलेगा. रोजाना काफी संख्या में श्रद्धालु आरती के टिकट नहीं मिलने से निराश होकर लौट रहे हैं.
बाबा की होती है नियमित ये पांच आरती
मंगला आरती से शयन तक बाबा विश्वनाथ की पांच आरती होती है. बाबा की मध्याह्न भोग आरती दिन में 11:15 बजे से 12:20 बजे तक होती है. बाबा की सप्तर्षि आरती शाम को होती है. सप्तर्षि आरती का समय शाम को 6:45 बजे से 8:15 बजे तक होता है. रात्रि में शृंगार व भोग आरती के बाद बाबा विश्राम करते हैं. इसके लिए रात नौ बजे से 10:15 बजे तक का समय निर्धारित है. मध्याह्न भोग आरती की तरह ही रात्रि की भोग आरती की परंपरा निभाई जाती है. शयन आरती 10:30 बजे शुरू होती है और 11 बजे समाप्त हो जाती है.