अस्पताल के पीछे तालाब की पार से अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
मंगलवार को रायसेन एसडीएम ने सिविल अस्पताल के निर्माण कार्य का जायज़ा लिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांची को सिविल अस्पताल बनाने के लिएं निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा पुराने आवास ढहाकर अस्पताल भवन का निर्माण शुरू कर दिया है। रायसेन एसडीएम एलके खरे ने निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ मुख्य विकास खंड चिकित्सा अधिकारी सहित नायब तहसीलदार व अंतली अधिकारी उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सांची में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल का दर्जा देने की कवायद में करोड़ों रुपए की राशि आवंटित करवाकर इस नगर के अनुरूप अस्पताल की स्वीकृति के साथ ही सांची को सौगात दी है। और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल का दर्जा देने अस्पताल के लिए नवीन बड़ा भवन निर्मित करने का निर्माण एजेंसी ने कार्य भी शुरू कर दिया है। और अस्पताल के पिछले हिस्से में बने कर्मचारियों डाक्टरों के आवास को ध्वस्त कर दिया गया है। उन भवनों की निर्माण सामग्री से ही समतलीकरण कार्य शुरू कर दिया गया है। यह कार्य बड़ी तेजी से चलाया जा रहा है। मंगलवार को इस कार्य का निरीक्षण करने एसडीएम एल के खरे, सांची नायब तहसीलदार नियति साहू, जनपद पंचायत सीईओ प्रदीपकुमार छलोत्रे, नप संपत्ति अधिकारी रघुनंदन प्रसाद शर्मा, विखं मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके राय उपस्थित थे। एसडीएम ने स्थल पर चल रहे समतलीकरण कार्य को देखा और कार्य की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल भूमि का सर्वे कर अस्पताल परिसर की बाउंड्री वॉल निर्माण के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही हल्का पटवारी को अस्पताल भूमि की नपती करने के भी निर्देश दिए व उन्होंने निर्माण एजेंसी को निर्माण गति बढ़ाने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल की सीमा की जानकारी डा एस के राय से ली। अस्पताल में निर्मित सभागार का भी निरीक्षण किया। और अस्पताल में साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखने निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अस्पताल के पीछे लगे हुए तालाब की पार से अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सांची में सिविल अस्पताल बनने से क्षेत्र की समस्या का समाधान हो सकेगा। वहीं रोगियों को अपना उपचार कराने यहां वहां नहीं भटकना पड़ेगा।