कामगार कांग्रेस ने पेंशन बहाली के लिए मिठाई बांटकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिया धन्यवाद
शिवराज सरकार से की पेंशन बहाली एवं आऊटसोर्स प्रथा बंद करने की मांग
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा बजट सत्र में लिए गए पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय को ऐतिहासिक एवं कर्मचारियों का बुढापा संवारने वाला फैसला बताते हुए बापू की प्रतिमा पर मिठाई बांटकर खुशियां मनाई एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टेजी ने मिठाई खिलाकर मिष्ठान वितरण कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अलसर पर कामगार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वासुदेव शर्मा, द्वारपाल मालवीय, नृसिंह साहू, यशवंत ठाकरे, बृजेश उईके, विपिन उईके, नितेंद्र चंदेल, आशुतोष फसाटे, राकेश सांवले, कैलाश राऊत, रोमी यादव सहित बडी संख्या में लोग शामिल रहे।
मिष्ठान वितरण कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ओक्टे ने कहा कि पहली बार केंद्र की सत्ता में आई भाजपा की अटल बिहारीजी की सरकार ने कर्मचारी विरोधी फैसला लेते हुए कांग्रेस सरकारों द्वारा कर्मचारियों के लिए शुरू की गई पेंशन 2004 से बंद करने का निर्णय लिया था, अटलजी के इस निर्णय से मध्यप्रदेश के कर्मचारी भी प्रभावित हुए और वे पेंशन से वंचित हो गए थे, अब राजस्थान सरकार के निर्णय के बाद मप्र में भी कर्मचारियों की उम्मीद जागेगी और वे पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे।
कामगार कांग्रेस अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए जारी वचनपत्र में माननीय कमलनाथजी ने पुरानी पेंशन बहाली, नौकरियों में स्थायित्व, आऊटसोर्स, ठेका, अतिथि जैसे कर्मचारियों के लिए 62 साल तक काम की गारंटी, सम्मानजनक वेतन, पेंशन जैसे वचन दिए थे, जिन्हें पूरा करने के लिए माननीय कमलनाथजी ने सरकार बनने के 15 दिन के अंदर कर्मचारी आयोग का गठन किया था, जिसने ताबडतोड सुनवाई करके रिपोर्ट भी तैयार कर ली थी, धोखे से बनी शिवराज सरकार ने वह रिपोर्ट ही कूडेदान में डालकर कर्मचारियों के साथ 15 साल से चले आ रहे अन्याय को जारी रखा हुआ है।
वासुदेव शर्मा ने कहा कि मप्र में कर्मचारियों की सबसे बुरी स्थिति है, अटलजी ने पेंशन बंद की, वहीं मप्र की भाजपा की शिवराज सरकार ने नौकरियों में स्थायित्व ही खत्म कर दिया, आऊटसोर्स, ठेका, अस्थाई, अतिथि जैसी नौकरियां देकर पूरी एक पीढी का भविष्य बर्बाद कर दिया है, कांग्रेस की गहलोत सरकार के निर्णय के बाद नौकरियों में स्थायित्व एवं पेंशन के मुद्दों पर आंदोलन तेज होगा और कर्मचारी कांग्रेस की तरफ आकर भाजपा सरकार की विदाई का रास्ता तैयार करेंगे।