नितिन गुप्ता देवास
‘वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे…।’
जो पराई पीर जानता है वही तो होता है पीर। जो दूसरों की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हैं, दूसरों के दुःख-दर्द जिनसे नहीं देखे जाते, वे लोग दयालु होते हैं। वे अपनी पीड़ा भूलकर दूसरों की पीड़ा दूर करने में जुट जाते हैं। महात्मा गांधी के इस भजन को पूरी तरह आत्मसात कर तमाम तरह की सुख सुविधा और विलासिता पूर्ण संसाधनों के बावजूद भी यदि कोई व्यक्ति इन भौतिक सुविधाओं को छोड़ समाज के सबसे वंचित तबके और युवाओं के कल्याण के लिए अपना पूरा समय और संसाधन लगा दे , ऐसे लोग दुनिया में बहुत कम होते हैं । ऐसे ही विलक्षण व्यक्तित्व है युवा व्यवसायी प्रवेश अग्रवाल। जिन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ समाज सेवा को ही बना लिया है।
जब कोरोना काल में लोग अपने घरो में बंद थे, तब प्रवेश और उनकी टीम जरूरतमन्दों को भोजन, दवाई, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सीजन मशीन और अन्य वस्तुओं को लेकर 24 घण्टे जुटी रहती थी । इसके साथ ही प्रवेश युवाओं को रोजगार, महिला सशक्तिकरण और बुजुर्गों की सेवा हिमायती भी हैं । इसी के चलते प्रवेश और उनकी टीम ने रोजगार मेलो के आयोजन कर हजारों युवाओ को रोजगार दिलवाया । महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिलवाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कार्य किये । महिला सशक्तिकरण के लिये युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलवाया । बुजुर्गों के लिये निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर हजारों लोगों के मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाये । इसके साथ पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए क्षिप्रा नदी में सफाई अभियान और शहर में पौधरोपण के कार्य को जनांदोलन का रूप दे दिया । यही नही मूक जानवरों के प्रति भी अपना कर्तव्य निभाते हुए सतत गोरक्षा अभियान चलाकर गोवंश की सेवा जारी हैं ।
प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी के संरक्षण व रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नर्मदे युवा सेना का गठन किया । कमलनाथ ने प्रवेश अग्रवाल पर विश्वास जताते हुए इस संगठन का संस्थापक अध्यक्ष का दायित्व दे दिया ।अध्यक्ष पद का दायित्व मिलते ही प्रवेश अपनी टीम के साथ नर्मदा के संरक्षण के लिए कार्य शुरू किए। उन्होंने रेत के अवैध उत्खनन पर रोक के लिये भरसक प्रयास किये । अपने भागीरथी प्रयास के कारण ही देवास, सीहोर, होशंगाबाद सहित कई जिलों में उन्होंने रेत के अवैध रूप से हो रहे उत्खनन पर रोक लगवाई।
नर्मदा के संरक्षण के लिए प्रवेश और उनकी टीम के कार्य एक जगह तक ही सीमित नहीं है। टीम ने नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर बड़वाह, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओंकारेश्वर सहित कई स्थानों पर घाटों की सफाई की। प्रवेश कहते हैं कि नर्मदा हमारे प्रदेश की जीवन रेखा है और इसके संरक्षण के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा।
अवैध उत्खनन के साथ ही नर्मदे युवा सेना ने नर्मदा के विस्थापितो के लिए भी आवाज उठाई । प्रवेश और उनकी टीम ने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के विस्थापन के लिए भी आंदोलन किए। इसी कारण डूब प्रभावितों के विस्थापन में तेजी आई और उन्हें उनका हक मिला।
अपने सेवा के कार्यों के साथ अवैध उत्खनन को रोकना प्रवेश अग्रवाल के लिये बेहद चुनोतिपूर्ण रहा । रेत माफियाओं के इशारों पर उन पर दो बार जानलेवा हमले भी हुए, लेकिन इसके बाद भी वे पीछे नहीं हटे और अपने सेवा कार्यों को आगे बढ़ाते रहे ।
कुछ वर्ष पूर्व बने संगठन नर्मदे युवा सेना के प्रदेश अध्यक्ष प्रवेश अग्रवाल ने कम समय में ही देवास के निवासियों के दिलों में अपना खास स्थान बना लिया हैं । आज प्रवेश अग्रवाल द्वारा शुरू किये गए सेवा प्रकल्पों की चर्चा शहर के हर तबके की जुबान पर है । आज (02 सितम्बर) को प्रवेश अग्रवाल का जन्मदिवस हैं । इस अवसर पर हमारी पूरी टीम की ओर से उन्हें शुभकामनाएं ।