सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर लंगर प्रसादी व पौधा रोपण
सोहागपुर नर्मदापुरम। ग्रीन इंडियन आर्मी द्वारा सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर पौधा रोपण किया गया। वही अध्यक्ष प्रियांशु धारसे द्वारा बताया गया कि स्थानीय गुरु नानक पब्लिक स्कूल में अटूट लंगर प्रसादी के उपरांत पौधा रोपण किया।सभी लोगों ने गुरु गोविंद सिंह जी के व्यक्तित्व जीवनी पर प्रकाश डाला। श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के उपरांत 11 नवंबर सन 1675 को दसवे गुरु बने। आप एक महान योद्धा,चिंन्ताक,कवि,भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन 1999 बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की सिखो के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। गुरु गोविंद सिंह ने पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्होंने गुरु रूप में प्रतिष्ठ किया। बचीतर नाटक उनकी आत्मकथा है। यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है यह दशम ग्रंथ का एक भाग है दशम ग्रंथ गुरु गोविंद सिंह जी की कृतियों के संकलन का नाम है।
उन्होंने अन्याय,अत्याचार और पापों को खत्म करने के लिए और धर्म की रक्षा के लिए मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े धर्म की रक्षा के लिए समस्त परिवार का बलिदान किया इसके लिए उन्हें ‘सरबंसादानी'(पूरे परिवार का दानी) भी कहा जा सकता है। इसके अतिरिक्त जनसाधारण में भी कलगीधार,दशमेश,बजावले वाले आदि कई नाम से उपनाम व उपाधियों से भी जाने जाते हैं।
उन्होंने सदा प्रेम,सदाचार और भाईचारे का संदेश दिया। किसी ने गुरु जी का अहित करने की कोशिश भी की तो उन्होंने अपनी सहनशीलता, मधुरता,सौम्यता से उसे परस्त कर दिया।गुरु जी की मान्यता थी कि मनुष्य को किसी को भी डराना नहीं चाहिए और ना किसी से डरना चाहिए। वे अपनी वाणी में उपदेश देते हैं भै काहू को देते नही,नही भय मानत आन। वे बाल्यकाल से ही सरल सहज भक्ति भाव वाले कर्मयोगी थे। उनकी वाणी में मधुरता,सादगी,सौजन्यता एवं वैराग्य की भावना कूट-कूट कर भरी थी उनके जीवन का प्रथम दर्शन ही था कि धर्म का मार्ग सत्या का मार्ग है और सत्य की सदैव विजय होती है।
इस अवसर पर उपस्थित सुरजीत सिंह ज्ञानी,जनपद उपाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह पटेल,नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि यशवंत पटेल,उपाध्यक्ष आकाश रघुवंशी, प्रतपाल सिंह खनूजा,पार्षद जमील खान,हीरालाल गोलानी,राकेश चौरसिया,श्री पुरोहित,संजीव शुक्ला,प्रशांत मालवीय,भूरा साहू,विशाल गोलनी,प्रियांशु धारसे, शेक सलमान,पृथ्वीराज गोलानी व जनप्रतिनिधि सम्मिलित रहे।