7 शिविरो में 52 आवेदन, पटल रखे ग्रामीणो ने
बरिष्ठ अधिकारी की अनुपस्थिति से संपूर्ण आवेदनो का नही हो पाता निराकरण
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
ग्रामीणो के समस्या मूलक आवेदनो का मौेके पर ही निराकरण किए जाने को लेकर जिला प्रशासन के मुखिया संवेदनषील कलेक्टर अरविंद कुमार दुवे के निर्देश पर तहसील मुख्यालय के दुरस्थ गावों में लोक कल्याण शिविरो का आयोजन किया जा रहा शिविरो का दायित्च एसडीएम संघमित्रा बौद्व व जनपद सीईओं रश्मि चौहान पर देखा जा रहा है। जवकि अन्य विभागो के बरिष्ठ अधिकारियो की उपस्थिति शिविरो में देखी जा रही है।
जानकारी के अनुसार आदिवासी अंचल के गांव चैनपुर, चंदपुरा, पौनार, मरहठी व गदर्रा में लोक कल्याण व स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। जवकि चंदपुरा व मरहठी में एक सप्ताह में दो दो बार शिविरो आयोजित किए जाकर ग्रामीणो को योजनाओं से अवगत कराया जा चुका है।
आयोजित किए जा रहे शिविरो में एसडीएम संघमित्रा बौद्ध व जनपद सीईओ रश्मि चौहान विशेष रुप से मौजूद रह कर ना केवल आवेदनो का निराकरण किए जाने में अहम भूमिका निभा रही है बल्कि योजनाओं की जानकारी देने व ग्रामीण विकास विभाग के प्राप्त आवेदनो कर विभागीय आवेदनो का निराकरण किए जाने मे सक्रिय भूमिका का निर्वाहन कर रही है।
बताया जा रहा है कि बीते एक सप्ताह से निरंतर आयोजित किए जा रहे शिविरो में विभिन्न विभागो से संबंधित कुल 52 आवेदन ग्रामीणो के द्वारा मौजूद जिम्मेदार अफसरो के समक्ष रखे। प्राप्त 52 आवेदनो में से करीब 30 आवेदनो का निराकरण मौके पर ही कर दिया गया जवकि शेष आवेदनो के निराकरण हेतु लिए समय सीमा तय की गई। 5 गावों में 7 बार आयोजित किए जा चुके लोक कल्याण शिविर मे 826 ग्रामीणो के द्वारा उपस्थिति दर्ज कराई गई। यहा पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सको के द्वारा 253 ग्रामीणो का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर परामर्ष व आवष्यक दवाए निशुल्क प्रदान की गई। जवकि आयुष्मान कार्ड विहीन 258 ग्रामीणो के आयुषमान कार्ड मौके पर ही बनाए गए । तथा प्राप्त 52 आवेदनो में से करीब 30 आवेदनो का मौके पर ही निराकरण किया गया। शेष आवेदनो के निराकरण को लेकर समय सीमा तय की गई। तय समय सीमा में आवेदनो का निराकरण किया जाकर आवेदको को सूचित किए जाने की रुप रेखा बनाई गई।
नही पहुचते बरिष्ठ अधिकारीः
-दूरस्थ गावो में आयोजित किए जा रहे इन
षिविरो में विभागो के बरिष्ठ अधिकारी नही पहुचंते है। बरिष्ठ अधिकारियो के ना होने पर आवेदनो का मौके पर ही निराकरण को लेकर संषय बना रहता है। देखा जावे तो एसडीएम संघमित्रा बौद्व व जनपद सीईओ रश्मि चौहान ही जिम्मेदारी का निर्वाहन कर शिविरो में पहुंच कर आवेदन प्राप्त कर निराकरण में अहम भूमिका निभा रही हैं। जिला प्रशासन को लापरवाह अधिकारियो की लापरवाही पर अंकुश लगाना होगा। ताकि ग्रामीणो के आवेदनो का निराकरण शिविरो में ही हो सके।