बाल्यकालीन हृदय रोगी बच्चों के उपचार के लिए हुआ एम.ओ.यू.,सत्य साई हार्ट अस्पताल अहमदाबाद में कराया जाएगा नि:शुल्क उपचार
राज्य सरकार सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री श्री चौहान
भोपाल।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बच्चों में जन्मजात हृदय विकार का उपचार माता-पिता सरलता से करा सकें और विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध हों, इसी उद्देश्य से प्रशांति मेडिकल सर्विस एडं रिसर्च फाउंडेशन के साथ एम.ओ.यू. किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय समत्व में फाउंडेशन और राज्य शासन की ओर से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मध्य हुए एम.ओ.यू. के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य श्री सुदाम खाडे़ तथा प्रशांति मेडिकल सर्विस एंड रिसर्च फाउंडेशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
फाउंडेशन द्वारा बाल्यकालीन हृदय रोग से प्रभावित बच्चों का श्री सत्य साई हार्ट अस्पताल अहमदाबाद में निरूशुल्क उपचार कराया जाएगा। इसके अंतर्गत अहमदाबाद में स्थापित चिकित्सालय में एक हजार बच्चों का इलाज पूर्णतरू निरूशुल्क कराया जाएगा, आने-जाने का व्यय राज्य सरकार वहन करेगी।
प्रदेश के प्रभावित बच्चों को मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ष्वैष्णव जन को तेने कहिए-पीर पराई जाने ते ष्के सिद्धांत पर कार्य कर रहे फाउंडेशन की इस पहल से प्रदेश के प्रभावित बच्चों को बड़ी राहत मिलेगी। एक हजार जीवित बच्चों में से लगभग 9 बच्चों में जन्मजात हृदय विकार की समस्या रहती है, जिसके उपचार पर एक लाख से पाँच लाख रूपए तक का व्यय आता है। अतरू गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह इलाज कठिन हो जाता है। रोग की समय पर पहचान तथा सही उपचार मिलने पर बच्चे अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना संचालित करने का निर्णय लिया गया। योजना में नारायणा हृदयालय मुम्बई, चिरायु अस्पताल भोपाल, अरविंदो अस्पताल इंदौर में बच्चों के उपचार की व्यवस्था की गई। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में प्रशांति मेडिकल सर्विस एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ दो वर्ष के लिए अनुबंध किया और कुल 117 बच्चों को निरूशुल्क उपचार प्रदान किया गया। अब पुनरू एम.ओ.यू. हो रहा है।