क्या भारत में कोरोना की एक और लहर की आशंका है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक अधिकारी ने तो यही आशंका जताई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने जोर देकर कहा है कि भारत में लोगों के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता के घटने से नई कोविड लहरें पैदा हो सकती हैं। डॉ. पूनम के मुताबिक, इससे निपटने के लिए देश में टीकाकरण बढ़ाना होगा। साथ ही अस्पतालों में मजबूत रोग निगरानी तंत्र की आवश्यकता होगी।
भारत में अचानक क्यों बढ़ने लगे कोरोना केस
इस बीच, विशेषज्ञों ने बताया है कि हाल के दिनों में देश में कोरोना के मरीज अचानक क्यों बढ़ने लगे। उनके मुताबिक, अभी देश में एक साथ कई तरह के वायरस सक्रिय हो गए हैं। वायरस के इस कॉकटेल का नतीजा है कि मरीज बढ़ने लगे हैं।
डॉ विवेकानंद झा, कार्यकारी निदेशक, जॉर्ज इंस्टीट्यूट इंडिया, के मुताबिक, मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें मौसमी बीमारी (आमतौर पर भारत में गर्मी से ठीक पहले श्वसन संक्रमण के मरीज बढ़ जाते हैं), कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही और टीकाकरण के लंबे समय बाद बीमारियों से लड़ने की क्षमता में कमी प्रमुख है।
जानकारों के मुेताबिक, कोरोना महामारी के तीन साल के बाद भारत अभी वायरस के एक कॉकटेल का सामना कर रहा है। बड़ी आबादी ने कोरोना नियमों का पालन बंद कर दिया है। लोग फ्लू से पीड़ित हैं, जिसके लक्षण कोरोना से बिल्कुल मिलते-जुलते हैं। पिछले कुछ महीनों में भारत में H3N2 (इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार), H1N1 (स्वाइन फ्लू), रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (RSV) और नए Omicron XBB 1.16 वेरिएंट के मरीजों में अचानक वृद्धि देखी गई है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.