इन दिनों देवी मंदिरों में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। हर कोई माता के दर्शनों के लिए लालायित है। नवरात्रि में हर देवी मंदिर में ऐसा ही नजारा है। आज हम आपको राजस्थान के प्रसिद्ध जीण माता मंदिर के बारे में बता रहे हैं।
राजस्थान का प्रसिद्ध जीण माता मंदिर सीकर जिले के गोरिया गांव के दक्षिण मे पहाड़ों पर स्थित है। जीण माता का वास्तविक नाम जयंती माता है। घने जंगल से घिरा हुआ मंदिर तीन छोटे पहाड़ों के संगम पर स्थित है। भक्त दूर-दूर से यहां दर्शनों के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई किवदंतियां भी हैं।
एक हजार साल पुराना है मंदिर
इस मंदिर में संगमरमर का विशाल शिवलिंग और नंदी प्रतिमा मुख्य आकर्षण है। इस मंदिर के बारे में कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है। फिर भी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता का मंदिर 1000 साल पुराना माना जाता है। जबकि कई इतिहासकार आठवीं सदी में जीण माता मंदिर का निर्माण काल मानते हैं। जीण माता मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्रि और आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि में मेला लगता है। इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में बारहों मास अखण्ड दीप जलता रहता है।
औरंगजेब का टूटा था घमंड
लोक मान्यता के अनुसार, एक बार मुगल बादशाह औरंगजेब ने राजस्थान के सीकर में स्थित जीण माता और भैरों मंदिर को तोड़ने के लिए अपने सैनिकों को भेजा। जीण माता ने अपना चमत्कार दिखाया और वहां पर मधुमक्खियों के एक झुंड ने मुगल सेना पर धावा बोल दिया था। मधुमक्खियों के काटे जाने से बेहाल पूरी सेना घोड़े और मैदान छोड़कर भाग खड़ी हुई। माना जाता है कि उस वक्त बादशाह की हालत बहुत गंभीर हो गई। तब बादशाह ने अपनी गलती मानकर माता को अखंड ज्योति जलाने का वचन दिया, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं करता।
कैसे पहुंचें?
– जीण माता मंदिर सीकर से लगभग 15 कि.मी. दूर स्थित है। सीकर स्टेशन से यहां प्रायवेट टैक्सी या बस द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
– सीकर राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जुड़ा हुआ है। निजी वाहनों द्वारा यहां पहुंचना बहुत ही सुगम है।
– सीकर के सबसे नजदीक एयरपोर्ट जयपुर है। जो लगभग 115 किमी है। यहां से ट्रेन या बस द्वारा सीकर पहुंचा जा सकता है और यहां से जीण माता मंदिर।