मुख्यमंत्री के करीबियों के नामो की अधिक चर्चा
सुरेन्द्र जैन रायपुर
धरसीवा विधानसभा में एक बड़ा ओधौगिक क्षेत्र सिलतरा होने से इसे सोने की चिड़िया माना जाता है कांग्रेस हो या भाजपा दोनो की पैनी नजर इस विधानसभा पर विशेष रूप से रहती है भाजपा से देवजीभाई पटेल को 15 साल लगातार विधायक रहने और विकास कराने के बाबजूद अपनी ही पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओ के विरोध का सामना 2018 के विधानसभा चुनाव में करना पड़ा था था जब नाराज कार्यकर्ताओ ने पार्टी से किनारा कर क्रांति सेना का गठन किया और बाहरी के विरुद्ध अभियान चलाया इसी के चलते भाजपा को इस सीट से हाथ धोना पड़ा था ओर स्थानीय होने का लाभ लेते हुए कांग्रेस की श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा को जीत हांसिल हुई।
नवंबर में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव में भी इस बार भाजपा से कई दावेदार हैं 15 साल क्षेत्र से भाजपा के टिकिट पर विधायक रहे देवजीभाई पटेल के अलावा कुछ अन्य नामो की भी चर्चाएं हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से सबसे ज्यादा 30 दावेदारों ने दावेदारी पेश की है खास बात यह है कि इनमें अधिकांश दावेदार मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं ऐंसी स्थिति में कांग्रेस बर्तमान विधायक को ही रिपीट करेगी या कोई नया चेहरा मैदान में उतारेगी यह कहना अभी मुश्किल है लेकिन जिन 30 दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश की है उनमे खरोरा के रायखेड़ा निवासी देवव्रत नायक की चर्चाएं अधिक हैं पिछले चुनाब में उनका नाम लगभग तय हो चुका था उनके घर मिठाई भी बांटी जा चुकी थी लेकिन अंतिम समय मे राहुल गांधी के हस्तक्षेप से झीरम घाँटी में शहीद दिवंगत नेता योगेंद्र शर्मा की धर्मपत्नी अनिता शर्मा का टिकिट फाइनल हुआ जिसका एक प्रमुख कारण यह भी था कि राहुल गांधी की टीम ने धरसीवा विधानसभा में गुप्त सर्वे भी किया था जिसमे अनिता शर्मा को टिकिट मिलने पर जीत की प्रबल संभावना थी ओर हुआ भी बैंसा ही अनिता शर्मा को कांग्रेस से टिकिट मिला और वह चुनाव भी जीती 2018 के चुनाव पूर्व हुए सर्वे की तरह इस बार भी गुप्त सर्वे कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की टीम कर चुकी है 2018 में जीत के कई कारण थे जिसमें कांग्रेस के पक्ष में एक लहर भी प्रमुख कारण रहा था लेकिन अब जीत हार विधायक ओर कांग्रेस सरकार के 5 सालों की उपलब्धियों पर आधारित होगी जिन कांग्रेसी विधायको ने अपने क्षेत्र के गांवों की तस्बीर ओर तकदीर बदलने में अहम भूमिका निभाई होगी उनके क्षेत्रो में तो कांग्रेस को उसका प्रतिफल जीत के रूप में मिलना तय है लेकिन जिन विधायको कांग्रेसी विधायको के क्षेत्र में ग्रामीण 5 साल सड़क बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य नाली साफ सफाई आदि समस्याओं से घिरे रहे ऐंसे क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी बदलकर भी क्यों न बदल दे लेक़ीन जीत आसान नहीं होगी ऐंसी परिस्थितियों में कांग्रेस जीत के लिए कौनसा फार्मूला अपनाएगी यह अभी कहना मुश्किल है
धरसीवा विधानसभा में बर्तमान विधायक सबसे अधिक सक्रिय रहीं करोड़ो के विकास कार्य भी करवाये बाबजूद कुछ गांवो के हालात चिंताजनक है नालियों की साफ सफाई न होना सड़को की दुर्दशा भरपूर सुविधाओ के बाबजूद पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता न होना जैंसी समस्याएं उनके लिए रोड़ा बनेगी
कांग्रेस से ये हैं प्रबल दावेदार
कांग्रेस से तीस दावेदारों में श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा के अलावा तिल्दा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष देववृत नायक रायखेड़ा, धरसीवा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रकांत वर्मा के पिता और छग मनवा कुर्मी समाज के चौवाराम वर्मा,ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्य्क्ष दुर्गेश वर्मा,जिला पंचायत अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा,जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष उधोराम वर्मा,एवं चंद्रशेखर शुक्ला के नामो की चर्चा है खास बात यह कि यह सभी मुख्यमंत्री के ही करीबी हैं अभी यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस श्रीमत्ति अनिता योगेंद्र शर्मा को ही रिपीट करती है या कोई नया चेहरा मैदान में उतारेगी यदि किसी नए चेहरे को टिकिट देती है तो दावेदारों में से आख़िर कौन है जो धरसीवा में जीत बरकरार रख पायेगा ।