ग्वालियर । एजी आफिस पुल की जमीन पर सात करोड़ मुआवजा की मांग वाले मामले में जिला न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से वर्ष 2018 में पुल की जमीन को अपना बताते हुए मुआवजे की मांग कर दावा पेश किया है। इसी प्रकरण में सुनवाई में न्यायालय ने प्रभारी तहसीलदार शिवदत्त कटारे का आवेदन निरस्त कर दिया। साथ ही उनकी ओर से जवाब पेश करने का अधिकार खत्म कर दिया। न्यायालय ने इससे पहले शासन पर 600 रुपये जुर्माना लगाया था। अब 11 अगस्त को सुनवाई होगी।
बीमारी का दिया था हवाला
यहां बता दें, पूर्व में जब न्यायालय ने शासन पर 600 रुपये जुर्माना लगाया था। जवाब के लिए 19 जुलाई को अंतिम मौका दिया था। बुधवार को प्रभारी तहसीलदार शिवदत्त कटारे ने स्वास्थ खराब होने का हवाला देते हुए न्यायालय में आवेदन पेश किया था, जिसमें वादोत्तर प्रस्तुत करने या अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा। न्यायालय ने प्रभारी तहसीलदार का आवेदन खारिज कर दिया और उनकी ओर से जवाब पेश करने का अधिकार खत्म कर दिया।
यह है पूरा मामला
कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से 2018 में दावा पेश किया गया था। इसमें बताया गया, जहां वर्तमान में एजी आफिस पुल है वह जगह कमलाराजे ट्रस्ट की है। इसी को आधार बनाकर ट्रस्ट ने प्रदेश शासन से सात करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने स्वयं को पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट बताया है। ट्रस्ट के पास अचल संपत्ति भी है। ऐसे में उसका भारतीय न्यास अधिनियम के प्रविधान अंतर्गत पंजीकृत होना भी आवश्यक है, लेकिन ट्रस्ट का पंजीयन नहीं है।
अतिक्रमण से मुक्त कराई निगम की संपत्ति
नगर निगम स्वामित्व की जयेंद्रगंज स्थित संपत्ति जिसे निगम द्वारा 30 वर्ष की लीज पर आवंटित किया गया था। इस संपत्ति पर अवैध रूप से किए गए कब्जे को निगमायुक्त हर्ष सिंह के आदेश पर बुधवार को मदाखलत विभाग व पुलिस के सहयोग से रिक्त कराकर निगम आधिपत्य में लिया गया। इस संपत्ति को निगम द्वारा सात करोड़ 65 लाख रुपये में 30 वर्ष की लीज पर आवंटित किया गया है। कार्रवाई के दौरान उपायुक्त राजस्व डा. प्रदीप श्रीवास्तव, नोडल अधिकारी मदाखलत केशव चौहान, मदाखलत अधिकारी शैलेंद्र चौहान, राजस्व अधीक्षक लोकेंद्र चौहान एवं पुलिस बल उपस्थित रहा।
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