ग्वालियर। डीआरडीई लैब ग्वालियर में पदस्थ राष्ट्रीय सुरक्षा कोर (डीएससी) के जवान ने संतान न होने पर दूसरी शादी कर ली। पांच दिन पहले 12 मई की रात विवाद के बाद पहली 50 वर्षीय पत्नी संतोष सिंह की अंगौछे से गला कसकर हत्या कर दी। शव को घर के अंदर सीवर टैंक बनाने के लिए छोड़े गए स्थान पर दफना दिया। भांजी और पड़ोसी महिला के संदेह पर पुलिस हत्यारोपित को ग्वालियर से पकड़ने के बाद उसकी निशानदेही पर शव बरामद किया।आरोपित ग्वालियर से 13 दिन की छुट्टी लेकर अपने घर गया था। यहीं उसने पत्नी की हत्या कर डाली।
उन्नाव सदर क्षेत्र के इंदिरा नगर नई बस्ती में रहने वाला रामलखन वर्ष 2010 में सेना से सेवानिवृत्त हुआ था। चार अक्टूबर 2010 को उसकी तैनाती राष्ट्रीय सुरक्षा कोर (डीएससी) मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुई थी। मौजूदा समय में वह ग्वालियर में ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में (डीआरडीओ) में 557 बटालियन में नायक पद पर तैनात है। वह मूलरूप से बीघापुर टेढ़ा के पास अधुर्जपुर गांव का है। पहली पत्नी संतोष सिंह से कोई संतान न होने पर रामलखन ने वर्ष 2014 में बाराबंकी के रामनगर कस्बा के मुहल्ला अगनपुर की वंदना से दूसरी शादी कर ली। इसके बाद से ही रामलखन का पहली पत्नी संतोष से अक्सर झगड़ा होने लगा। 13 दिन की छुट्टी लेकर एक मई को रामलखन घर आया था। अगले दिन वह दूसरी पत्नी वंदना के पास बाराबंकी गया था। 12 मई को वहां से लौटकर घर आया।
अंगोछे से गला घोंटकर की हत्या
रात में 11 बजे पत्नी संतोष से खाना बनाने को लेकर विवाद हो गया। नशे की हालत में रामलखन ने अंगौछे से गला कसकर पहली पत्नी की हत्या कर दी। शव को घर में ही गड्ढा खोदकर दफना दिया। घर में ताला बंद कर अगले दिन ग्वालियर ड्यूटी पर चला गया। 16 मई को तीन किमी दूर गदनखेड़ा चौराहा के पास रहने वाली भांजी आशा ने संतोष को फोन किया। फोन न उठने पर घर पहुंची तो मेन गेट पर ताला बंद देख पालतू कुत्ते को मृत देख अनहोनी की आशंका पर पुलिस को बुलाया। ताला तोड़कर पुलिस ने घर में छानबीन की और उस स्थान की मिट्टी खोदवाई जहां शव दफन था। शव गहराई में दबा होने पर पुलिस लौट गई। 17 मई को भांजी आशा ने सदर कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने संदेह के आधार पर ग्वालियर फोन पर यहां के पुलिस व डीआरडीई अधिकारियों को जानकारी दी। पुलिस ग्वालियर पहुंची, यहां से आरोपित को पकड़ लिया। अधिकारियों ने रामलखन से पूछताछ की तो उसने गुनाह स्वीकारा। 18 मई की दोपहर 12 बजे पुलिस उसे ग्वालियर से इंदिरानगर लेकर आयी। रामलखन की निशानदेही पर गड्ढा खोदकर शव को निकाला गया। एएसपी शशिशेखर सिंह ने घटनास्थल पर जांच की। भांजी आशा की तहरीर पर पुलिस ने रामलखन पर हत्या और शव को छिपाने की धारा में मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया गया है।
हत्या से पहले जहरीला पदार्थ देकर मारा था पालतू श्वान
मृतका संतोष के साथ पालतू श्वान रहता था। महिला जहां भी जाती उसके साथ आता जाता था। इस बीच कहासुनी के दौरान वह रामलखन पर कई बार भौंका था। इस पर उसने खाने में जहरीला पदार्थ देकर उसे मार दिया। उसे डर था कि अगर यह जिंदा रहा तो हो सकता है कि शव दफनाने वाले स्थान की मिट्टी खोद डालता।
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