सागर । आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की डोंगरगढ़ चंद्रगिरी जैन तीर्थक्षेत्र में छत्तीसगढ़ जैन समाज के द्वारा भव्य और ऐतिहासिक अगवानी की गई। ढोल नगाड़ों के साथ जगह-जगह रंगोली डाली गई थी और श्रद्धालुओं ने आरती उतारकर पाद प्रक्षालन किया।
मुनिसेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य श्री ने 77 वर्ष की उम्र में ससंघ विगत 1 वर्ष में लगभग 2100 किमी का बिहार पूरा किया है। 23 मई 22 को पटनागंज रहली से 678 किमी का विहार कर आचार्य श्री महाराष्ट्र के जैन तीर्थक्षेत्र अंतरिक्ष पारसनाथ शिरपुर पहुंचे थे। जहां पर वर्षायोग चातुर्मास हुआ था और उसके बाद लगभग 430 किमी का विहार महाराष्ट्र के परभणी और डोनगांव और आसपास के क्षेत्रों का किया था जहां पर दो पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव हुए थे 21 दिसंबर को शिरपुर में एक मुनि और 22 क्षुल्लक दीक्षाए उनके द्वारा दी गई। 25 दिसंबर को पुनः शिरपुर से विहार किया और 455 किमी चलकर आचार्य श्री चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पहुंचे थे। एक माह का प्रवास करने के उपरांत आचार्य श्री ने सर्वोदय जैन तीर्थक्षेत्र अमरकंटक की ओर विहार किया और 258 किमी चले बाद में पंचकल्याणक के उपरांत 8 अप्रैल को विहार शुरू किया और 258 किमी वापस 1 मई को डोंगरगढ़ चंदगिरी पहुंच गए।
डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ मैं आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से चंद्रगिरी जैन तीर्थ क्षेत्र का निर्माण कार्य जोरो से चल रहा है लाल पत्थर का जिनालय पहाड़ी पर निर्मित हो रहा है। यहां पर लड़कियों को संस्कारित शिक्षा देने के लिए प्रतिभास्थली स्कूल भी खोला गया है। 2023 का वर्षायोग चातुर्मास चंद्रगिरी में होने की प्रबल संभावना है और वर्षायोग के पश्चात नवंबर दिसंबर में चंद्रगिरी जैन तीर्थक्षेत्र के पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि आचार्य श्री के आशीर्वाद से नेमावर, कुंडलपुर, अमरकंटक आदि स्थानों के मंदिरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और आने वाले दो-तीन वर्षों में भाग्योदय तीर्थ सागर में सर्वतोभद्र जिनालय, जबलपुर में पूर्णायु चिकित्सा केंद्र और जिनालय, रहली पटनागंज का जिनालय, शीतलधाम विदिशा, आदिनाथ जिनालय हबीबगंज भोपाल में जिनालय, रेवतीरेंज इंदौर में जिनालय के पंचकल्याणक भी होना है।