–दबंग भूमाफिया गिरोह द्वारा वनभूमि पर हो रही खेती की तैयारी, कटते जंगल तेजी से सिमटती वनभूमि को आखिर रोके कौन…..
शिवलाल यादव रायसेन
रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर स्थित ग्राम अगरिया में फॉरेस्ट की करीब 40 से 50 एकड़ वनभूमि क्षेत्र में लगभग एक माह से लकड़ी तस्करों और भू माफिया द्वारा लगातार अंधाधुंध कुल्हाड़ियां चली और सागौन,साज,महुआ आदि के पेड़े काटे गए ।साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से सैकड़ों ठूठों में आग लगा दी गई।वर्तमान में पेड़ों के ठूंठ धूं धूं करके जल रहे हैं।अगरिया के जंगलों से काटे गए पेड़ों की इमारती लकड़ी को बेचा जा रहा है और ईंट भट्ठों में ईंधन के तौर पर झोंकी जा रही हैं।जो क्षेत्र 15 दिन पहले जंगल था उस क्षेत्र की भूमि आज कृषि योग्य जमीन बनाई जा रही है।
वह भी वन विभाग के खरबई सर्किल पश्चमि वनरेंज के डिप्टी रेंजर सर्जन सिंह मीणा बीट गार्ड अगरिया कुलदीप सिंह राजपूत के संरक्षण में सामान्य वन मण्डल सर्किल पश्चमी वनरेंज के अगरिया के जंगल में वनकर्मियों ,अधिकारियों के संरक्षण में मौजूदा समय में लगभग हजारों एकड़ भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर भूमाफिया द्वारा अवैध रूप से खेती की जा रही है ।वहीं दूसरी ओर वन विभाग की भूमि पर ही अवैध रूप से सैकड़ों ईट भट्टे संचालित किए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वन विभाग के बीट प्रभारी, नाकेदार, डिप्टी, रेंजर, या फिर डीएफओ के साथ भोपाल के वरिष्ठ वन विभाग अधिकारियों की जानकारी में यह मामले ना हो।
हम आपको यह बता दें आपको की वन विभाग की हजारों एकड़ भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण व अवैध अन्य व्यवसाय निरंतर जारी है ।साथ ही वन विभाग की भूमि पर निरंतर इमारती लकड़ी के वृक्षों को काटकर लकड़ी वन विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में बेची जा रही है ।साथ ही जंगल कटवा कर खेती योग्य जमीन बनाकर रसूखदारों को बिना दस्तावेजों के बेची जा रही है।राजधानी भोपाल के पूंजीपतियों को जमींदार बनाने का कारोबार यहां लंबे अरसे से जमकर फलफूल रहा है। बराबर के हिस्सों में इस फायदे के कारोबार में स्थानीय दलित आदिवासी समुदाय के मजदूरों और वनकर्मियों की मिलीभगत से ही यह सबखेल चल रहा है।
जी हां हम आपको यह बता रहे हैं कि बात कर रहे हैं पश्चमी उप वन परिक्षेत्र अधिकारी खरबई के क्षेत्र की, जी हां इस क्षेत्र में स्थित जंगल में लगे सागौन,साज, महुआ बीजा इत्यादि प्रजाति के पेड़ों को वन विभाग के अधिकारियों फारेस्ट गार्डों के संरक्षण में निरंतर काटा जा रहा है ।और उन पेड़ों को काटकर उनके ठूठों को जलाया जा रहा है ।साथ ही जंगल से कटी लकड़ी को ईंट भट्टा संचालकों को एवं अन्य लकड़ी इमारती जलाऊ लकड़ी बव्यापारियों को विक्रय की जा रही है ।और जिम्मेदार यह सब तमाशा देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं और मूकदर्शक बने हुए बैठे हैं।
पिछले 2 सालों में भू माफियाओं के लिए चारागाह बना नयापुरा अगरिया…
सामान्य वन मण्डल रायसेन सर्किल के नयापुरा अगरिया वनबीट भू माफिया ओं के लिए खासी आमदनी चारागाह का अड्डा बन गया है।बताया जाता है कि यहां पिछले 2-3सालों से डिप्टी रेंजर सर्जन सिंह मीणा पदस्थ हुए हैं बड़े पैमाने पर जंगल में खड़े हरेभरे पेड़ों बेशकीमती इमारती सागौन के पेड़ों की बेरहमी से कटाई वन्य प्राणियों ब्लैक बक, हिरण नीलगाय शिकार गोपीसुर अगरिया चोपड़ा हिरनखेड़ा आदि क्षेत्रों में हो रहा है।वही मुरम भसुआ पत्थर बोल्डर कोपरा की खुदाई जमकर की जा रही है।
दारू मुर्गा पार्टी व अय्याशी में डूबे रहते हैं वनकर्मी…..
यदि हम बात करें वन विभाग में पदस्थ जिम्मेदारों की तो वह अपने कार्य क्षेत्र में जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए स्वयं की मनमर्जी के मुताबिक कार्य करते हैं ।बताया जाता है कि व अक्सर दारू मुर्गा पार्टी सहित अय्याशी में डूबे रहते हैं ।प्राप्त जानकारी के अनुसार अगरिया क्षेत्र के ग्राम अगरिया की हम बात कर रहे हैं और जंगल के बीट प्रभारी कुलदीप सिंह राजपूत नाकेदार के विषय में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यहां के नाकेदार साहब तो हफ्ते दो हफ्ते में जब भी आते हैं दारू के नशे में आते हैं और आकर थोड़ी बहुत देर रुकते हैं और बिना जंगल में घूमें वापस चले जाते हैं। नाकेदार साहब के बड़े साहब डिप्टी तो महीने में एक या दो बार आते हैं और घूम फिर कर चले जाते हैं कभी कभी तो रात में आते हैं यह अधिकारी और वनकर्मी दारू मुर्गा पार्टी में शामिल हो जमकर गदर करते हैं।
इनका कहना है…..
पश्चमी वनरेंज के अगरिया के जंगलमें बड़े पैमाने पर जंगल के पेड़ों की कटाई के बाद खेती की तैयारी की मुझे जानकारी मिली है।मैं एक जांच टीम का गठन कर अगरिया भेजूंगा।इसके बाद ही विभाग के दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
–विजय कुमार डीएफओ सामान्य वनमण्डल रायसेन