सूफ़ी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के कामकाज को लेकर खादिमों ने केंद्र सरकार से यहां के कार्य की ईडी से जांच कराए जाने की मांग की।
अजमेर स्थित सूफ़ी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इंतजाम संभालने वाली दरगाह कमेटी के कामकाज को लेकर शनिवार को मुस्लिम प्रतिनिधियों और खादिमों ने नाराजगी जताते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष के कार्यकाल में कमेटी ने जायरीन की सहुलियत के लिए कोई कदम नहीं उठाया। यहां दानदाताओं द्वारा दी गई राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। सरकार इनके कार्य की ईडी से जांच कराए।
ज्ञापन में बताया गया कि पूरी दुनिया में सूफी विचारधारा का सबसे बड़ा मरकज़ दरगाह हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ (र.अ.) है और यहां सभी जाति, धर्म, रंग व नस्ल के लोग बहुत ही अक़ीदत से आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्थाओं को संभालने वाली दरगाह कमेटी अपनी जिम्मेदारियों को सही तरह से नहीं निभा रही है। दरगाह की छतों पर जगह-जगह गढ्ढें हो रहे हैं, फर्श भी कई जगह से टूटी हुई है व गंदगी चारों ओर पसरी हुई है। इमारत में जगह-जगह मरम्मत की ज़रूरत है, जो पिछले काफी सालों से नहीं हुई है साथ ही दरगाह कमेटी की शहर में जो जायदाद है उसे असंवैधानिक तरीके से खुर्द-बुर्द किया जा रहा है।
किसी को नहीं करने दी जाती मरम्मत
इसके अलावा दरगाह शरीफ में मरम्मत का काम न तो दरगाह कमेटी खुद करती है और न ही किसी और को करने देती है, जिस वजह से दरगाह की इमारत कमजोर हो रही है। यहां स्थायी नाज़िम नहीं होने से दरगाह कमेटी दरगाह की व्यस्थाओं को संभालने के लिए किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रही है जिसका खामियाज़ा ज़ायरीने ख्वाजा को उठाना पड़ रहा है। स्थायी नाज़िम की नियुक्ति के साथ-साथ दरगाह में पीरी मुरीदी करने वाले बाबर अशरफ और सदर शादिह हुसैन रिज़वी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
एक करोड़ की राशि टीएडीए के नाम पर उठाई
दरगाह कमेटी के सदस्यों ने अपने इस कार्यकाल में लगभग एक करोड़ की राशि टीएडीए के नाम पर उठाई है। सोलह खंबा शौचालय को लेकर भी प्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त की और कहा की राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद दरगाह कमेटी वेटिंग हॉल का संचालन नहीं करवा पा रही है।
ज्ञापन देने वालों में अब्दुल बारी चिश्ती, काज़ी मुन्नावर अली, गुलाम मुस्तफा चिश्ती, हाजी शेखजादा इफ्तेखार चिश्ती,अंजुमन सदस्य फैजले हसन चिश्ती, सैय्यद असलम, अनवर चिश्ती, बाबर चिश्ती, अहसान मिर्ज़ा, कय्यूम खान, इकबाल चिश्ती, सलमान खान, सैय्यद फजले अमीन चिश्ती, गुलजार चिश्ती, रुहुल अमीन, साजिद अली, हाजिक चिश्ती, काज़ी अनवर अली, वाहिद मोहम्मद शामिल रहे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.