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मप्र में राजनीतिक पार्टियों करा नहीं हैं सर्वे

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भोपाल । मप्र में भले ही भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की जंग रहती है, लेकिन अन्य पार्टियां इनकी जीत-हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए ये पार्टियां मप्र के चुनावी समर में काफी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। प्रदेश में चुनावी वर्ष की शुरूआत होते ही भाजपा और कांग्रेस के साथ ही लगभग सभी पार्टियों ने अपनी स्थिति का आकलन करने के लिए सर्वे शुरू करा दिया है। दरअसल, सर्वे से पार्टियां विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की स्थिति का आकलन तो कराती ही हैं, अपनी हार-जीत का गणित भी पता करती है। इस वर्ष के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में सबसे ज्यादा बल सर्वे पर रहेगा। निजी एजेंसियों और पार्टी संगठन के माध्यम से मैदानी सर्वे कराया जा रहा है। भाजपा का एक सर्वे पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के प्रमुख लोगों के पास पहुंच गई है। कांग्रेस निजी एजेंसी से सर्वे को नकार रही है, लेकिन पार्टी के ही भरोसेमंद लोगों से संभावित उम्मीदवारों के बारे में राय ली जा रही है। भाजपा के एक सर्वे की रिपोर्ट करीब दो महीने पहले तैयार हो चुकी है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री एक-एक विधायकों से चर्चा भी कर चुके हैं। उन्होंने इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में कमजोर पकड़ वाले विधायकों को चेताया भी था। टिकट वितरण के पहले पार्टी एक और सर्वे कराएगी। निजी एजेंसियों के अलावा संगठन मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला पदाधिकारियों की राय भी ली जाएगी। उधर, कांग्रेस का जोर अपने ही संगठन के लोगों और कार्यकर्ताओं से संभावित उम्मीदवारों के बारे में राय लेने पर है। जातिगत समीकरणों को भी टटोला जा रहा है।

बसपा और आप की सभी सीटों पर लडऩे की तैयारी
उधर, बहुजन समाज पार्टी भी इस बार प्रत्याशियों के चयन के पहले सर्वे करा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने कहा कि सर्वे की रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के पास पहुंचेगी। टिकट देने का निर्णय भी वहीं करेंगी। पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सबसे पहले उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े जिलों की विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी। वहीं मप्र में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। वहीं आम आदमी पार्टी मप्र में पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ेगी। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल मार्च में चुनावी शंखनाद करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार केजरीवाल 15 मार्च से पहले प्रदेश में भोपाल, इंदौर और रीवा या सिंगरौली में चुनावी सभा करेंगे। गौरतलब है की पार्टी ने प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। इसके लिए जमीनी स्तर पर तैयारियां चल रही है। इन तैयारियों को रफ्तार देने और पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए केजरीवाल ने मप्र में रैली करने की अनुमति दे दी है। पार्टी के मप्र प्रभारी सुदीप पाठक 4 मार्च को बैठक कर केजरीवाल के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेंगे। बता दें आम आदमी पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव में सिंगरौली में महापौर का चुनाव जीत कर प्रदेश में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। पार्टी के कई नेता आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात कई मंचों से कह चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी नए संगठन के साथ प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को टक्कर देने की तैयारी में जुट गई हैं।

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