-5 दिन से तेंदुए का शव पड़ा रहा नाले में, वन विभाग अधिकारियों को नही लगी भनक
-8 घंटे बाद मौके पर पहुंचे डॉक्टर तब हुआ तेंदुए का पोस्टमार्टम
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
शुक्रवार सुबह 8 बजे वन विभाग सलामतपुर क्षेत्र के बहेड़िया गांव के पास नाले में तेंदुए का शव मिला है। स्थानीय ग्रामीणों ने तेंदुए का शव देखकर वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही रायसेन वन विभाग के रेंजर आरके चौधरी, सलामतपुर वन विभाग के डिप्टी रेंजर लल्लन सिंह सहित वन अमला मौके पर पहुंच गया। लेकिन रायसेन के पशु चिकित्सक सूचना देने के 8 घंटे बाद दोपहर चार बजे बहेड़िया गांव पहुंचे। तब कहीं जाकर तेंदुए का पोस्टमार्टम शुरू हो पाया।
वहीं डिप्टी रेंजर लल्लन सिंह ने बताया कि नर तेंदुए का शव लगभग पांच दिन पुराना है और इसकी उम्र पांच वर्ष की है। तेंदुए के शव पर कहीं कोई चोट वगैरह के निशान भी नही मिले हैं। तेंदुए की मौत निमोनिया के चलते हुई है। और शाम 6 बजे रायसेन डीएफओ अजय कुमार पांडे मौके पर पहुंचे तब तेंदुए के शव का अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी रायसेन जिले में दो तेंदुओं की मौत हो जाने से हड़कंप मच गया था। इनकी मौत भूख और प्यास के चलते हो गई थी। जबकि भारत सरकार संरक्षित सूची में आने वाले बाघ तेंदुआ आदि जानवरों के रखरखाव के लिए हर वर्ष करोडों रुपए का बजट लाकर जंगल में इनके लिए खाने पीने का इंतज़ाम करने का दावा करती है। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। इसका जीता जागता उदाहरण बहेड़िया गांव में शुक्रवार को देखने को मिला। यहां लगभग 5 दिन से एक तेंदुए का शव नाले में पड़ा रहा लेकिन वन विभाग को इसकी खबर तक नही लगी। वो तो गनीमत रही कि स्थानीय ग्रामीणों की नज़र तेंदुए के शव पर चली गई। वरना वन विभाग को तो इस मामले का पता ही नही चल पाता।
इनका कहना है-
बहेड़िया गांव में तेंदुए का शव मिला है। तेंदुए का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इसकी मौत कैसे हुई ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर ही बता पाऊंगा।
अजय कुमार पांडे, डीएफओ वन विभाग रायसेन।