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पग-पग नीर, डग-डग रोटी पर संकट, कई जरूरी तत्वमिट्टी में हो रहे कम, विभाग का

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दावा-प्राकृतिक खेती के लिए कर रहे काम
-रायसेन जिले की मिट्टी ‘बीमार’, 70% ऑर्गेनिक कार्बन घटा
-20 साल में ऐसे बिगड़ते गए हालात जिम्मेदार बने खामोश
स्पेशल रिपोर्ट
शिवलाल यादव रायसेन

रायसेन जिले में कार्बन का सबसे बड़ा भंडार मिट्टी है। इसमें जितना कार्बन है, उतना वायुमंडल और धरती पर उगी वनस्पति को मिलाने पर भी नहीं होता है। रासायनिक युग में मिट्टी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

रायसेन जिले में खेत की मिट्टी अब पहले जैसी स्वस्थ नहीं रही। 15 साल में 70% मिट्टी से ऑर्गेनिक कार्बन कम हुआ है। लगातार घट रहे ऑर्गेनिक कार्बन से उत्पादकता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। रसायनों (विभिन्न उर्वरक) के अंधाधुंध उपयोग से मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है। गंभीर स्थिति यह है कि अब भी नहीं संभले तो जमीन बंजर हो जाएगी। 15-20 साल पहले खेती में रसायनों का उपयोग कम होता था। उत्पादन बढ़ाने के लिए उपयोग बढ़ा। लगातार अधिक मात्रा में रसायनों का उपयोग होने से मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन नाइट्रोजन जिंक पोषक तत्व कम होने लगे हैं। आज ऑर्गेनिक कार्बन बहुत कम स्तर पर पहुंच गया है। रसायनों के उपयोग से मिट्टी इतनी सख्त हो गई कि उसे कूटकर बारीक करना पड़ता है।

जीवाश्म की मात्रा हो रही कम….

गल्ला मंडी मिट्टी परीक्षण लैब के वैज्ञानिक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला ने बताया, मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन का प्रतिशत 0.5 होने पर स्थिति खराब, 0.5 से 0.75% पर औसत व 0.75 से अधिक होने पर अच्छी मानी जाती है। 15 साल पहले मिट्टी में 0.75 प्रतिशत से अधिक ऑर्गेनिक कार्बन था। अब 70% सैंपल में ऑर्गेनिक कार्बन स्तर 0.5 से कम है। रसायनों का उपयोग बढ़ने से यह स्थिति बनी है। मिट्टी के 8% सैंपल में ही ऑर्गेनिक का स्तर 0.75 से अधिक है। यह हालत रायसेन जिले में बने हुए है।इसके अलावा मिट्टी में नाइट्रोजन जिंक पोषक तत्वों की लगातार कमी हो रही है।

सभी जरूरीतत्वों का संतुलन बिगड़ा…
प्रयोगशाला के सूत्रों के अनुसार मिट्टी का पीएच 8 तक पहुंच गया है। यह 7.2 तक होना था। मिट्टी में नाइट्रोजन 400 किलो प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए, लेकिन यह शून्य है। 20% नमूनों में ही 200 किलो प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन जिंक कम मिला। फॉस्फोरस भी 20 किलो प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए। यह 15% ही पाया गया।

इनका कहना है……
जिले की खेती की मिट्टी में जीवाश्म खत्म हो रहा है। नाइट्रोजन ,जिंक की मात्रा भी कम है। यह रसायनों के अधिक उपयोग से हो रहा है। कृषि विभाग जैविक व प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
एनपी सुमन कृषि उपसंचालक अधिकारी रायसेन

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