–मामला गुलगांव रेलवे गेट पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज का
देवेंद्र तिवारी सांची रायसेन
वैसे तो शासन प्रशासन निर्माणाधीन निर्माण को लेकर गुणवत्ता तथा समय सीमा में कार्य पूर्ण करने की बात देखने सुनने में आती रहती है परन्तु इन सब बातों से बेफिक्र निर्माण एजेंसी न तो गुणवत्ता पर ही अमल कर पाते न ही समय सीमा में निर्माण को पूरा करने का ही मन बना पाते जिससे लोगों के सामने यह निर्माण मुसीबत बन कर खड़े हो थे रहते हैं निर्माण एजेंसियों पर न तो शासन न ही प्रशासन का ही भय रह पाता है । चार साल से निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा होने का नाम ही नहीं ले पा रहा जिससे ग्रामीणों को रेलवे गेट पार करने घंटों इंतजार करने पर मजबूर होना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार नगर से गुलगांव रेलवे गेट से होकर लगभग वर्षों से पचास गांव के लोगों की आवाजाही रहती है जिससे ट्रेनों की संख्या बढ़ने से ग्रामीणों को गेट पार करने घंटों इंतजार करना पड़ता है तथा मुश्किल से जूझना पड़ता है अनेकों बार तो ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं जब ट्रेनों की आवाजाही से गेट बंद रहने से गंभीर मरीजों को दम भी तोड़ना पड़ा तथा लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा इतना ही नहीं विभिन्न ग्रामों से गर्भवती महिलाओं को भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ा था तथा अनेक गर्भवती महिलाओं ने तो गेट बंद रहने के बावजूद शिशुओं को जन्म तक दे डाला । वैसे भी इस रेलवे गेट से इस प्रमुख स्थल को जोड़ने के लिए उदयगिरी पर्यटक स्थल तक यहां आने वाले पर्यटकों को भी आना जाना पड़ता है तथा पर्यटकों को भी इस रेलवे गेट पर पार करने घंटों इंतजार करना पड़ता है तथा इस गेट से गुजरने वाले मार्ग जो बासोदा बीना सागर कटनी अशोक नगर जैसे लंबी दूरी के वाहनों को भी गुजरना पड़ता है जिससे इस गेट पर बड़ी संख्या में वाहनों के साथ पैदल चलने वालों को मुश्किल उठानी पड़ती है इस के साथ ही नगर के किसानों का भी यह मार्ग एक मात्र आवाजाही का जरिया बना हुआ है । इन सभी समस्याओं को देखते हुए सरकारों ने इस गेट पर लगभग पांच साल पूर्व ओव्हर ब्रिज स्वीकृत करते हुए करोड़ों की लागत से निर्मित होने वाले ब्रिज का निर्माण शुरू कराया गया था तथा उस समय राज्य सरकार में मंत्री रहे क्षेत्रीय विधायक डॉ गौरीशंकर शेजवार भूमि पूजन किया था तथा लोगों को आश्वस्त किया गया था की रेलवे गेट की समस्या से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा । तब इस गेट की समस्या से छुटकारा मिलने की आस से क्षेत्र भर के लोगों के साथ किसानों लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालकों में खुशी का माहौल बन गया था।परन्तु इतना लंबा अंतराल गुजरने के बाद भी इस ओवर ब्रिज निर्माण की चाल कछुआ चलती रही तथा इस निर्माण को लेकर लगभग चार साल का लंबा अरसा गुजरने के बाद भी निर्माण की गति जोर नहीं
पकड़ पाई जिससे लोगों के सामने ब्रिज निर्माण ने समस्या खड़ी कर दी तथा आज भी सैकड़ों लोगों की कतार वाहनों का जमघट ट्रेनों के निकलने का इंतजार करता रहता है तथा रेलवे गेट पर भीड़ भाड़ लगी रहती है जिससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है हद तो तब हो गई जब निर्माण एजेंसी ने निर्माण से संबंधी कहीं कोई किसी प्रकार के बोर्ड ही लगाये है ।न ही कहीं कोई सांकेतिक बोर्ड ही लगाये गये थे हालांकि इस ओवर ब्रिज का निर्माण काफी दिनों से पूरी तरह बन्द पडा हुआ है इस अधूरे निर्माण ने लोगों की मुश्किल बढा दी है इस निर्माण को लेकर न तो रेलवे प्रशासन न ही जिला प्रशासन न ही प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को ही सुध रही है हालांकि इस रेलवे गेट से क्षेत्र के विधायक तथा मप्र शासन में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी का अपने क्षेत्र में भ्रमण करने का सिलसिला चलता रहता है परन्तु लगता है रेलवे गेट पार करते शाय़द मंत्री जी की नजर इस निर्माण तक नहीं पहुंच सकी हो हालांकि अनेक बार रैलवे स्टेशन का निरीक्षण करने अनेकों बार मध्य रेल महाप्रबंधक के दौरे भी लग चुके बावजूद इस गंभीर समस्या की ओर नजर न पहुंच पाना भी कहीं न कहीं सवाल खड़े कर रहा है तथा लोगों को परेशानी में डाल कर शासन प्रशासन तमाशबीन बनकर रह गया है । लोगों को इस निर्माण का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।