सुरेन्द्र जैन धरसीवा
शिक्षा देश की रीढ़ है और रीढ़ कमजोर हो तो तनकर खड़ा होना संभव नहीं देश की इस रीढ़ को मजबूत करने का काम करते हैं शिक्षक यदि किसी भी गांव शहर या राज्य में स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो तो रीढ़ मजबूत नहीं बन सकती यही हालात छत्तीसगढ़ के अधिकांश गांवों के हैं जहां स्कूलों में शिक्षकों की कमी से शैक्षिणक कार्य प्रभावित होता है।
यह कहना है जिला पंचायत सदस्य राकेश यादव का उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रो में लभगभ सभी स्कूलों में किसी न किसी विषय के शिक्षकों की कमी बनी हुई है जिस पर ग्रामीण पालक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार मांग की गईं परन्तु शिक्षा विभाग सरकारी छुट्टीयो,हड़ताल, और तबादलों के कामो में व्यस्त नजर आ रहे है कोरोना काल के बाद से लगातार बच्चों का शिक्षा स्तर गिर रहा है जिस पर न अधिकारीयो का ध्यान है न विभागीय मंत्री का शिक्षा अधिकारी खो खो ,कबड्डी खिलवाने में व्यस्त हैं
राकेश यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्रो के स्कूलों में और कार्यलयों में बेवजह शिक्षकों को सिर्फ सत्ता बल पर कार्य करने का सुख मिल रहा है वही दूसरी और प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चों का भविष्य उज्जवल नही दिख रहा है जिसके कारण बच्चों में स्कूल छोड़ नशा खोरी गलत संगति जैसी बुराई पनप रही है इसका एक कारण शासन और प्रशासन का कुप्रबंधन और कुनीति है।
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