-सलामतपुर पुलिस ने दोनों ट्रकों को रोड से हटाकर खुलवाया जाम
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
गुरुवार को दोपहर 1 बजे के लगभग सलामतपुर रेलवे ओवरब्रिज पर दो ट्रकों की आमने सामने भिड़ंत हो गई।जिसमें एक ट्रक ड्राइवर के पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। दुर्घटना की वजह से भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर एक घंटे तक चार किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इस दौरान भोपाल से विदिशा और विदिशा से भोपाल की और जाने वाले सैंकड़ो छोटे व बड़े वाहन जाम में फस गए। सलामतपुर थाना प्रभारी देवेन्द्र पाल सिंह ने पुलिस बल के साथ मोके पर पहुंचकर दोनो ट्रकों को सड़क के बीच से हटवाकर एक घंटे की मशक्कत के बाद जाम खुलवाया। तब कहीं जाकर हाइवे पर यातायात सुचारू रूप से शुरू हो पाया। सलामतपुर पुलिस से मिली जानकारी अनुसार दोपहर लगभग एक बजे रेलवे ओवरब्रिज पर भोपाल के और से आ रहे आइशर मिनी ट्रक एमपी04 जीए 2083 जो सतना के सीएमएचओ ऑफिस दवाएं लेकर जा रहा था कि पथरिया शहर से सोयाबीन लेकर मंदसौर जा रहे ट्राले आरजे09 जीबी 9044 की आमने सामने ज़ोरदार टक्कर हो गई। जिसकी वजह से मिनी ट्रक के ड्राइवर कवलजीत सिंह पुत्र निर्मलजीत सिंह उम्र 60 वर्ष निवासी इंद्रपुरी भोपाल के पैरों में गंभीर चोटें आईं हैं। उन्हें गंभीर हालत में डायल हैंडेड की मदद से सांची स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। लेकिन गंभीर चोटें होने के कारण सांची से भोपाल रेफर कर दिया गया। वहीं सोयाबीन लेकर जा रहे ट्राले के ड्राइवर तुलसीदास निवासी मनासा ने बताया कि आइशर ट्रक का ड्राइवर गलत साइड से घुसकर क्रासिंग करना चाहता था। जिसकी वजह से दोनों ट्रक आमने सामने भिड़ गए।
जाम में 1 घंटे परेशान होते रहे सैंकडों यात्री--रक्षाबंधन त्यौहार के चलते गुरुवार को भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर यातायात का अत्यधिक दबाव था। सलामतपुर रेलवे ओवरब्रिज पर हुई दो ट्रकों की टक्कर की वजह से रोड बंद हो गया। और रोड के दोनों और लंबा जाम लग गया। जाम में भोपाल विदिशा रोड पर चलने वाली यात्री बसें भी फसी रहीं। जिसके यात्री लगभग 1 घंटे तक परेशान होते रहे। सलामतपुर पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद बीच सड़क से दोनों ट्रकों को हटाकर यातायात शुरू कराया।
रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के समय से ही रहा है विवादों में–
भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के सलामतपुर में बना रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के समय से ही विवादों में रहा है। बीते 9 वर्षो में दो दर्जन से अधिक लोग ब्रिज पर दुर्घटना के कारण काल के गाल में समां चुके हैं। ब्रिज के पिलर भी धीरे धीरे धसक रहे हैं। जिससे ब्रिज में दरारें व गहरे गड्ढे बढ़ते जा रहै हैं। इस ब्रिज का निर्माण वर्ष 2011 में मध्य प्रदेश ब्रिज कारपोरेशन द्वारा 6 करोड़ की लागत से कराया गया था। यह ब्रिज 2013 में बनकर तैयार हुआ था। अपने बनने के साथ ही यह विवादों में आ गया था। ब्रिज कारपोरेशन के तत्कालीन एसडीओ जो अब सेवानिवृत हो चुके हैं को आपत्ति थी की जिस एरिया में ब्रिज बनाया जा रहा है। वह क्षेत्र ब्लैक कॉटन स्वाइल क्षेत्र है। ब्रिज के पिलर की गहराई भी कम रखी गयी है। पुल धीरे धीरे धसक जाएगा। लेकिन ब्रिज बना रहे ठेकेदार जो तत्कालीन केन्दीय मंत्री के खासम खास थे के ऊँचे रसूख के चलते तत्कालीन एसडीओ की नही सुनी गई तो उन्होंने दुखी होकर अपना स्थानांतरण करा लिया था। पिछले 9 सालों में एमपीआरडीसी कई बार रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत करा चुका है। लेकिन यहां पर दुर्घटनाएं कम होने का नाम नही ले रही है।
इनका कहना है
रेलवे ओवरब्रिज पर दो ट्रकों की भिड़ंत में हाइवे पर लंबा जाम लग गया था। दोनो ट्रकों को सड़क के बीच से हटाकर यातायात सुचारू रूप से शुरू करा दिया गया है। वहीं आइशर ट्रक के ड्राइवर को चोटें आने के कारण डायल हंड्रेड की मदद से अस्पताल भेजा गया है।
देवेन्द्र पाल सिंह, थाना प्रभारी सलामतपुर।