देवेन्द्र तिवारी साँची रायसेन
वैसे तो सरकार प्रशासन नेता विकास की बडी बडी बातें करते तथा लोगों को विकास की गिनती गिनाते नहीं थकते ।तथा लाखों करोड़ों रुपये की राशि विकास के नाम पर खर्च होती हैं परंतु यह कहाँ विकास होता है किसी को नहीं पता ।तथा इन तमाम विकास की कल ई जप अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिलवाहा के मार्ग को देखकर आसानी से विकास का अंदाज़ा लगाया जा सकता है यह मार्ग पंचायत चलाने वालों से तो ओझल हो ही चुका है इसके साथ ही इस मार्ग पर जप मे बैठे जिम्मेदार भी बेखबर बनकर बैठे हुए हैं ।
जानकारी के अनुसार सांंची जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली एक पंचायत में एक सिलवाहा गांव ऐसा है जो विकास की पोल खोल रहा है जहाँ मुख्य सडक गढ्ढों मे पूरी तरह गुम हो चुकी है जिससे इस सडक पर गांव वालों का चलना तो दूभर हो ही चुका है इसके साथ स्कूली बच्चों को भी गिरते पडते चलने पर मजबूर होना पड रहा है इसके साथ ही इस मार्ग से गुजरने वाले अन्य गांव के लोगों को भी इन गढ्ढों का मुकाबला करना पड रहा है ।कहने को तो सरकारें प्रशासन नेता छुटभैये नैता जिनकी आजकल कमी नहीं दिखाई देती जो लोगों के बीच मंत्री मुख्यमंत्री तक अपने संबंधों का बखान करते नहीं थकते ।परन्तु उनकी नजरों से इस ग्राम पंचायत के इस गांव को पूरी तरह भगवान भरोसे छोड़ चुके है जिसका खामियाजा गांव के लोग तो भुगत ही रहे हैं बल्कि इस सडक से गुजरने वाले अन्य लोगो को भी भुगतना पड रहा है ।जबकि यह सिलवाहा गांव जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत का गांव है इस गांव में सडक हुआ करती थीं जो पूरी तरह गुम हो गई तथा उसकी जगह बडे बडे गढ्ढों ने जगह ले ली इसके साथ ही सडक पर लगातार पानी भरा रहने से और मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है इस मार्ग से जब कभी ग्रामीण क्षेत्रों से गंभीर बीमारियों से पीडित तथा गर्भवती महिलाओं को ले जाने पर बडी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ।इसके साथ ही स्कूल बच्चों को भी पैदल चलना दुश्वार हो चुका है कहने को तो 83 ग्राम पंचायतों के विकास का जिम्मा सम्हालने वाली जप सांंची पर विकास को लेकर सवाल खड़े हो रहे है इस गांव की इस बदहाल सडक की न तो ग्राम पंचायत को ही सुध लेने की फुरसत मिल पा रही हैं न ही थप मैं बैठे जिम्मैदारो को ही इस गांव की गंभीर समस्या से कोई सरोकार ही रहा है विकास की बडी बडी बातों की कलई इस गांव ने खोल कर रख दी है जबकि जप का प्रभार नेताओं की कृपा पात्र बीडीओ को लंबे अरसे से सौपा गया था हालांकि इस जप मे चलने वाला खेल किसी से छिपा नहीं रहा न तो विकास एवं विकास की प्रक्रिया से यहां पदस्थ उपयंत्री एवं यंत्रियों को ही रहा है ।जबकि सरकार गांव गांव घर घर सरकारी योजनाओं को पहुचाने की कवायद में जुटी हुई हैं परन्तु सरकार मैं बैठे जिम्मेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरने मे पीछे नहीं है आखिर सरकार की लाखों करोड़ों रुपए की राशि कहा खर्च हो रही हैं किसी को नहीं पता जबकि अनेक पंचायते सुविधा विहीन बनकर रह गई हैं ।हालांकि अनेक बार इस जनपद पंचायत की अनेक पंचायतो मे सरकारी राशि में पलीता लगना उजागर हो चुका है परन्तु लीपापोती भी किसी से नहीं छिपी होती ।जबजब ऐसे मामलों की जानकारी लेने का प्रयास किया जाता हैं तब अधिकारी या तो मौजूद नहीं रहते अथवा फोन उठाने की जहमत नहीं उठाते हैं ।बहरहाल विकास की बडी बडी बातो की कल ई ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से खुलती दिखाई दे जाती हैं जिससे सरकार की भी मंशा पर पानी फिर जाता है।