ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जुपिटर ग्रह को बेहद खास माना गया है। इस ग्रह का संबंध देव गुरु बृहस्पति से है, इसलिए इसे गुरु भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार गुरु बृहस्पति, देवताओं के गुरु माने गए हैं। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक यह ग्रह अधिकतर शुभ फल ही प्रदान करता है। कुछ विषम परिस्थितियों में ही गुरु अशुभ फल प्रदान करता है।
ज्योतिष के मुताबिक वर्तमान समय में गुरु अपनी ही राशि मीन राशि में विराजमान है। इनके साथ भोग विलास के कारक माने जाने वाले शुक्र भी मौजूद हैं। जहां गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है वहीं शुक्र को दैत्यों का गुरु कहा गया है। इनकी युति से कई राशियों पर प्रभाव पड़ने वाला है।
मिथुन राशि (Gemini): बृहस्पति के गोचर के साथ ही मिथुन राशि के जातकों की किस्मत बदल सकती है। चूंकि गुरु का यह गोचर इस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होने वाला है। इस दौरान जातकों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा, साथ ही एक से अधिक स्रोतों से आमदनी होने की संभावना है। व्यापार करने वाले जातकों को लाभ प्राप्त होने के आसार रहेंगे। इस दौरान अच्छा धन कमा सकते हैं। छात्रों के लोए भी गुरु फलदायी साबित होंगे।
कर्क राशि (Cancer): गुरु के गोचर से इस राशि वालों के लिए नये रास्ते खुलेंगे, नौकरी में सफलता हासिल करेंगे। लेखक या लेखन क्षेत्र से जुड़े जातकों पर विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी यह समय अनुकूल है। इस दौरान जातकों की तिजोरी में धन-दौलत में बढ़ोतरी की संभावना है। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा, पारिवारिक विवादों से बचें।
मीन राशि (Pisces): गुरु की विशेष कृपा इस राशि के जातकों पर होगी। गुरु ग्रह को दो राशियों का आधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन। गुरु ग्रह जब भी कर्क राशि में आते हैं तब वे उच्च के होते हैं यानी ये कर्क राशि में अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि में नीच के होते हैं। मीन राशि में इस समय गुरु विराजमान हैं, ऐसे में मीन राशि के जातकों की आमदनी में बढ़ोतरी के प्रबल आसार हैं। साथ ही आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। नया व्यापार शुरू करने के लिए समय अच्छा है। जो लोग नौकरी की तलाश में हैं उन्हें मनचाही नौकरी मिल सकती है। निवेश के लिए समय अच्छा है।