अस्पताल में बैठकर डॉक्टर करते मरीजो का इलाज हमेशा रहते है भयभीत
बम्होरी रायसेन से तारकेश्वर शर्मा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के गृह जिले में स्वास्थ्य विभाग के हल बेहाल है कही स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग नही और अगर बिल्डिंग है तो डॉक्टर नही ऐसा ही मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बम्होरी का है जहां आमजन के स्वास्थ्य का खयाल रखने स्वास्थ्य विभाग
अब खुद बीमार नजर आ रहा है क्योंकि अस्पताल भबन बुरी तहर जर्जर एवं छतिग्रस्त हो चुका है जिसमे 84 गांवो के मरीजो को जान जोखिम में डालकर इलाज कराना पड़ता है अगर स्वास्थ्य विभाग का यह बिभाग राजस्व कमाने बाला बिभाग होता तो अभी तक नया भवन बन चुका होता प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बम्होरी के इस भूतिया दिखने बाले भवन में डॉक्टर अपनी जान हथेली पर लेकर मरीजों का इलाज करने को मजबूर है जहां डॉक्टर अस्पताल के बाहर बैठकर मरीजो का इलाज करते है ताकि कोई दुर्घटना न हो बही डॉक्टर का कहना है कि कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को छतिग्रस्त भवन से अवगत करा दिया मगर आज तक नया भवन नही बन पाया जहां भवन की छत एवं दीवारे बुरी तहर छतिग्रस्त हो गई जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है बहराल अब देखने बाली बात होती है कि कब तक इस जर्जर भवन को संजीवनी मिल पाती है।
डॉ अभिषेक ठाकुर का कहना है की 2 साल पूर्व लोक निर्माण विभाग ने बिल्डिंग को कंडम घोषित कर दिया है इसलिए मैं बाहर बैठकर इलाज कर रहा हूं बिल्डिंग गिरने का कोई भरोसा नहीं है कब गिर जाए और सारे मरीज भी घबराते हैं कि कभी कोई अनहोनी ना हो जाए।
डॉ.अभिषेक ठाकुर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर सेक्टर बम्होरी