हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है और इस दिन शनिवार का संयोग बन रहा है। जिसके चलते इस दिन शनिचरी अमावस्या मनाई जाएगी। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
इस साल वैशाख अमावस्य पर साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।सूर्य देव को अर्घ्य दें।अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें। इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।